tag:blogger.com,1999:blog-6631399405570720310.post3431581129781678265..comments2023-10-31T11:05:43.618+00:00Comments on महावीर: भारत से देवमणि पांडेय की दो ग़ज़लेंमहावीरhttp://www.blogger.com/profile/00859697755955147456noreply@blogger.comBlogger24125tag:blogger.com,1999:blog-6631399405570720310.post-26090092440192204422009-12-16T09:08:51.509+00:002009-12-16T09:08:51.509+00:00देवमणि पांडेयजी को पहले सुना और फिर पढने को मिला.
...देवमणि पांडेयजी को पहले सुना और फिर पढने को मिला.<br />बहुत प्रभावित किया है उनकी ग़ज़लों ने मुझे.Sulabh Jaiswal "सुलभ"https://www.blogger.com/profile/11845899435736520995noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6631399405570720310.post-23707523969345527702009-12-07T05:33:01.339+00:002009-12-07T05:33:01.339+00:00pandey ji dono hi gazals bahut achchi lagipandey ji dono hi gazals bahut achchi lagideepa joshihttps://www.blogger.com/profile/07018191547581424326noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6631399405570720310.post-32804711141146068152009-12-04T14:21:02.915+00:002009-12-04T14:21:02.915+00:00देर से यहां पहुँचने पर मुआफी चाहती हूँ ..पर , इतनी...देर से यहां पहुँचने पर मुआफी चाहती हूँ ..पर , इतनी बारीकी से <br />खूबसूरत लफ़्ज़ों में पिरोये हर शेर को पढ़ते जो लुफ्त आया है उसे <br />शब्दों में कैसे बयाँ करुँ ? वाह बहुत खूब ...शुक्रिया आ. महावीर जी <br /><br />विनीत ,-- <br />- लावण्यालावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`https://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6631399405570720310.post-58616387252738150682009-12-03T11:54:14.901+00:002009-12-03T11:54:14.901+00:00डूब चुके हैं बार-बार हम इन आंखों के पानी में
नाम त...डूब चुके हैं बार-बार हम इन आंखों के पानी में<br />नाम तलक न आया मेरा फिर भी किसी कहानी में!!!<br /><br />Uff kya kahun ...lajawaab !!! dono hi rachnayen mugdh kar dene waale...<br /><br />Prastut karne ke liye bahut bahut aabhar..रंजनाhttps://www.blogger.com/profile/01215091193936901460noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6631399405570720310.post-78445616672006635892009-12-03T06:51:48.909+00:002009-12-03T06:51:48.909+00:00देवमणी साब की ग़ज़लों के बारे में कुछ कहना, तो उफ़्फ़्...देवमणी साब की ग़ज़लों के बारे में कुछ कहना, तो उफ़्फ़्फ़्फ़!<br /><br />शुक्रिया महावीर साब इन दो ग़ज़लों से मिलवाने के लिये!गौतम राजऋषिhttps://www.blogger.com/profile/04744633270220517040noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6631399405570720310.post-87301908123901596072009-12-01T01:51:34.432+00:002009-12-01T01:51:34.432+00:00दोनों ही ग़ज़लें बेहतरीन हैं... देवमणी भाई को बधाई...दोनों ही ग़ज़लें बेहतरीन हैं... देवमणी भाई को बधाई.... और आपकी प्रस्तुति को नमन..योगेन्द्र मौदगिलhttps://www.blogger.com/profile/14778289379036332242noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6631399405570720310.post-12142152798841288822009-11-30T22:04:31.026+00:002009-11-30T22:04:31.026+00:00दोनों ग़ज़लें बहुत सुंदर हैं -
आजतक ज़िंदगी से जो म...दोनों ग़ज़लें बहुत सुंदर हैं -<br /><br />आजतक ज़िंदगी से जो महरूम हैं<br />काश उनको मिले एक पल ज़िंदगी<br /><br />फूल से खेलती तितलियाँ देखकर<br />एक बच्चे सी जाए मचल ज़िंदगी<br /><br />छीन लिया दुनिया ने सब कुछ फिर भी मैं आबाद रहा<br />जब जब मुझको हंसते देखा लोग पड़े हैरानी में<br />बहुत -बहुत बधाई.Dr. Sudha Om Dhingrahttps://www.blogger.com/profile/10916293722568766521noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6631399405570720310.post-40329620033579274692009-11-30T12:26:36.588+00:002009-11-30T12:26:36.588+00:00ख़ुदग़र्ज़ी और चालाकी में डूब गई है ये दुनिया
वरना ...ख़ुदग़र्ज़ी और चालाकी में डूब गई है ये दुनिया<br />वरना सारा ज्ञान छुपा है बच्चों की नादानी में।<br /><br />सभी शेर लाजवाब हैं, पर उपरोक्त शेर को सवाशेर कहना चाहिए।<br /><br />------------------<br /><a href="http://sb.samwaad.com/" rel="nofollow">भीड़ है कयामत की, फिरभी हम अकेले हैं।</a><br /><a href="http://ts.samwaad.com/" rel="nofollow">इस चर्चित पेन्टिंग को तो पहचानते ही होंगे?</a>Arshia Alihttps://www.blogger.com/profile/14818017885986099482noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6631399405570720310.post-71591677419417390612009-11-30T00:17:42.420+00:002009-11-30T00:17:42.420+00:00दोनों गजलों को एक साथ पढ़ना रोचक रहा ....
फूल से खे...दोनों गजलों को एक साथ पढ़ना रोचक रहा ....<br />फूल से खेलती तितलियाँ देखकर<br />एक बच्चे सी जाए मचल ज़िंदगी<br /><br />बच्चे सी मचल ही रही थी जिंदगी की अगली पंक्तिओं पर ठहर गयी <br /><br />डूब चुके हैं बार-बार हम इन आंखों के पानी में<br />नाम तलक न आया मेरा फिर भी किसी कहानी में<br />अब इस कहानी पर आँखों में पानी भर आता कि<br /><br />ख़ुदग़र्ज़ी और चालाकी में डूब गई है ये दुनिया<br />वरना सारा ज्ञान छुपा है बच्चों की नादानी में<br /><br />बच्चों की नादानी बड़ों की समझदारी पर भारी होती है इसीलिए तो ताउम्र बच्चों से ही बना रहना चाहते हैं ...!!वाणी गीतhttps://www.blogger.com/profile/01846470925557893834noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6631399405570720310.post-12330083337765623652009-11-29T13:23:42.562+00:002009-11-29T13:23:42.562+00:00बहुत सुंदर गज़लें हैं दिल को सुकून पहुंचाने वालीबहुत सुंदर गज़लें हैं दिल को सुकून पहुंचाने वालीअजय कुमार झाhttps://www.blogger.com/profile/16451273945870935357noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6631399405570720310.post-15509803376339445372009-11-29T08:37:38.254+00:002009-11-29T08:37:38.254+00:00दुनिया जिसको सुबह समझती तुम कहते हो शाम उसे
कुछ सच...दुनिया जिसको सुबह समझती तुम कहते हो शाम उसे<br />कुछ सच की गुंजाइश रक्खो अपनी साफ़ बयानी में<br />badhai ..badhiyaa ..panktiyanविधुल्लताhttps://www.blogger.com/profile/15471222374451773587noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6631399405570720310.post-58493488844748238462009-11-29T05:26:31.398+00:002009-11-29T05:26:31.398+00:00Pandey ji ko rubaru sunane ka avsara kai baar mila...Pandey ji ko rubaru sunane ka avsara kai baar mila hai..<br />aaja unki galjalen padh kar bahut achcha laga..kavi kulwanthttps://www.blogger.com/profile/07096995143341561602noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6631399405570720310.post-6771872579579776992009-11-29T02:49:13.287+00:002009-11-29T02:49:13.287+00:00... dono hi gajalen, bahut khoob !!!... dono hi gajalen, bahut khoob !!!कडुवासचhttps://www.blogger.com/profile/04229134308922311914noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6631399405570720310.post-29169049277400347132009-11-28T20:10:09.551+00:002009-11-28T20:10:09.551+00:00''ख़ुदग़र्ज़ी और चालाकी में डूब गई है ये दु...''ख़ुदग़र्ज़ी और चालाकी में डूब गई है ये दुनिया<br />वरना सारा ज्ञान छुपा है बच्चों की नादानी में''<br />बेशकीमती शेर है जनाब,<br />दरअसल उर्दू शायरी में ''ख़ुदग़र्ज़ी'' की जगह <br />''खुद ग़रज़'' लफ्ज़ इस्तेमाल किया जाता यहां..<br />इसे फन का कमाल कहें, <br />या खूबसूरत इत्तेफाक...<br />देवमणि पांडेय जी की ग़ज़ल में इस जगह दोनों ही लफ्ज़ फिट हो रहे हैं..<br />दोनों ग़ज़लें बार बार पढने और दूसरों को सुनाने के लायक हैं<br />ग़ज़ल क्या, यूं कहिये<br />ज़िन्दगी के कई फलसफे पेश किये गये हैं<br />श्रद्देय महावीर जी,<br />मार्गदर्शन करें<br />''का के लागो पाय''???<br />और हां...<br />जिसको देखो ढूँढ रहा है काश ज़िंदगी मिल जाए<br />जाने कैसी कशिश छुपी है इस पगली दीवानी में<br />इस शेर का पहला मिसरा, <br />जाने क्यों <br />फिर से गौर करने की गुज़ारिश करता नज़र आ रहा है !!!<br />शाहिद मिर्ज़ा शाहिदशाहिद मिर्ज़ा ''शाहिद''https://www.blogger.com/profile/09169582610976061788noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6631399405570720310.post-1522190195995244282009-11-28T19:05:10.802+00:002009-11-28T19:05:10.802+00:00Devmani ji ko robaro sunna ek lashani tajurba hai,...Devmani ji ko robaro sunna ek lashani tajurba hai, bina kisi kagaz ke shron ki barssat kiye jaate hai.<br /><br />जीवन अपना बीत रहा है कुछ यूँ दुख के साए में<br />जैसे फूल खिला हो कोई कांटों की निगरानी में<br />Nagina hai khoob tarasha.<br />daad ke saath<br /><br />Devi NangraniDevi Nangranihttps://www.blogger.com/profile/08993140785099856697noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6631399405570720310.post-5977523224573352602009-11-28T17:24:38.232+00:002009-11-28T17:24:38.232+00:00दोनों ही गज़लें बेहद खूबसूरत बन पड़ी हैं.
फूल से खे...दोनों ही गज़लें बेहद खूबसूरत बन पड़ी हैं.<br /><br />फूल से खेलती तितलियाँ देखकर<br />एक बच्चे सी जाए मचल ज़िंदगी<br /><br /><br />कितना सच कहा.<br /><br />पढ़कर मन प्रफुल्लित हो गया.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6631399405570720310.post-45768720911734709192009-11-28T13:46:54.419+00:002009-11-28T13:46:54.419+00:00प्यार से इसका दामन सजाते रहो
आज है हो न हो साथ कल ...प्यार से इसका दामन सजाते रहो<br />आज है हो न हो साथ कल ज़िंदगीवाह बहुत सुन्दर <br />जीवन अपना बीत रहा है कुछ यूँ दुख के साए में<br />जैसे फूल खिला हो कोई कांटों की निगरानी में<br /><br />ख़ुदग़र्ज़ी और चालाकी में डूब गई है ये दुनिया<br />वरना सारा ज्ञान छुपा है बच्चों की नादानी में<br />लाजवाब गज़लें हैं ये शेर तो दिल को छू गये पाँडे जी को बहुत बहुत बधाईनिर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6631399405570720310.post-45117217402465861772009-11-28T12:14:22.678+00:002009-11-28T12:14:22.678+00:00डूब चुके हैं बार-बार हम इन आंखों के पानी में
नाम त...डूब चुके हैं बार-बार हम इन आंखों के पानी में<br />नाम तलक न आया मेरा फिर भी किसी कहानी में<br /><br />JEEVAN KI SACHHAI KO DEVMANI JI NE KHOOBSOORAT SHABD LE KAR IS GAZAL MEIN UTAARA HAI ... BAHUT HI KAMAAL KI GAZLEN HAIN DONO .....दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6631399405570720310.post-32126855383237599552009-11-28T11:35:00.387+00:002009-11-28T11:35:00.387+00:00This comment has been removed by the author.Rohit Jainhttps://www.blogger.com/profile/06134003674924918036noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6631399405570720310.post-6181869920909823762009-11-28T11:35:00.072+00:002009-11-28T11:35:00.072+00:00Dev ji Aapki dono Rachnayein bahut hi achchhi hain...Dev ji Aapki dono Rachnayein bahut hi achchhi hain.............Rohit Jainhttps://www.blogger.com/profile/06134003674924918036noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6631399405570720310.post-44976286945798278922009-11-28T10:11:35.636+00:002009-11-28T10:11:35.636+00:00DEVMANI PANDEY JEE PURANE KAVI HAIN.
GEET,KAVITA K...DEVMANI PANDEY JEE PURANE KAVI HAIN.<br />GEET,KAVITA KE ALAAVAA VE BAHUT <br />ACHCHHEE GAZALEN BHEE KAHTE HAIN.<br />UNKEE IN DONO GAZALON KO PADH KAR<br />BADAA LUTF AAYAA HAI.BACHCHON KEE <br />NADANEE PAR UNKE SHER KO PADHKAR<br />MUJHE APNA EK SHER YAAD AA GAYAA <br />HAI---<br /> BAALIG KARTAA KOEE GALTEE <br /> GUSSA KARNAA JAAYAZ THAA<br /> KAESA GUSSAA MERE BHAI <br /> BACHCHON KEE NADANEE PAR <br /> ACHCHHEE GAZALON KE LIYE <br />DEVMANI PANDEY JEE KO BADHAAEE AUR<br />SHUBH KAMNA.PRAN SHARMAnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6631399405570720310.post-46190315865860392562009-11-28T10:08:51.627+00:002009-11-28T10:08:51.627+00:00देवमणि जी ने जिस तरह से शब्दों के बुनावट में ज़िंदग...देवमणि जी ने जिस तरह से शब्दों के बुनावट में ज़िंदगी को ढाला है वो आपने आप के काल की बात कही है उन्होंने पहली ग़ज़ल के वेसे तो सारे ही शे'र एक से बढ़ कर एक हैं मगर जब बात की जाए इस खुबसूरत शे'र की तो दिल से वाह वाह वाली बात हो जाती है <br />प्यार से इसका दामन सजाते रहो<br />आज है हो न हो साथ कल ज़िंदगी..<br />और दूसरी ग़ज़ल के क्या कहने जिस ताजगी और नफीसी से उन्होंने अश'आर कहे हैं वो उनकी गज़ल्गोई को उच्चस्तर तक पहुचाने में कोई कसर नहीं छोड़ती ...<br />छीन लिया दुनिया ने सब कुछ फिर भी मैं आबाद रहा<br />जब जब मुझको हंसते देखा लोग पड़े हैरानी में<br />और एक और शे'र जिसे नीरज जी ने भी कोट किया है , हर जुबान पर चढ़ कर बोलने वाला है यह शे'र <br />ख़ुदग़र्ज़ी और चालाकी में डूब गई है ये दुनिया<br />वरना सारा ज्ञान छुपा है बच्चों की नादानी में<br />वाह किस सरलता से इतनी बड़ी बात की है देवमणि जी ने .... बढ़ाई उनको मेरे तरफ से भी ... और आदरणीया महावीर जी सादर चरणस्पर्श ....<br /><br />अर्श"अर्श"https://www.blogger.com/profile/15590107613659588862noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6631399405570720310.post-3774782596634524972009-11-28T09:55:17.122+00:002009-11-28T09:55:17.122+00:00बहुत कम लोग होते हैं जो जैसे दीखते हैं वैसे ही होत...बहुत कम लोग होते हैं जो जैसे दीखते हैं वैसे ही होते हैं...देव मणि जी वैसे ही विलक्षण इंसान हैं...जितना मजा इनसे मिल कर आता है उतना ही इन्हें पढ़ कर...क्या लिखते हैं ...वाह..सीधे सरल शब्दों में कमाल करते हैं:<br /><br />दुःख में हँसते रहो,ग़म भुलाकर जिओ <br />मुसकराहट के लाई है पल ज़िंदगी<br /><br />प्यार से इसका दामन सजाते रहो<br />आज है हो न हो साथ कल ज़िंदगी<br /><br />वाह...बहुत खूब..<br /><br />*****<br /><br />और ये शेर तो मैंने चुरा कर अपने पास रख लिए हैं:<br /><br />जीवन अपना बीत रहा है कुछ यूँ दुख के साए में<br />जैसे फूल खिला हो कोई कांटों की निगरानी में<br /><br />ख़ुदग़र्ज़ी और चालाकी में डूब गई है ये दुनिया <br />वरना सारा ज्ञान छुपा है बच्चों की नादानी में<br /><br />इश्वर उन्हें हमेशा खुश रखे और हमें उनकी कलम से निकले लाजवाब अशार पढने के मौके देता रहे...ये ही कामना करता हूँ...<br />आप का बहुत बहुत शुक्रिया महावीर जी जो देव साहब की ग़ज़लों को पढने का मौका दिया.<br />नीरजनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6631399405570720310.post-35028369322928397082009-11-28T09:12:33.672+00:002009-11-28T09:12:33.672+00:00Behad khubsoorat gajal pahlee waalee, doosree bhee...Behad khubsoorat gajal pahlee waalee, doosree bhee achchee lagee !पी.सी.गोदियाल "परचेत"https://www.blogger.com/profile/15753852775337097760noreply@blogger.com