tag:blogger.com,1999:blog-6631399405570720310.post3671584438912475909..comments2023-10-31T11:05:43.618+00:00Comments on महावीर: यू.के. से बासित कानपुरी की दो ग़ज़लेंमहावीरhttp://www.blogger.com/profile/00859697755955147456noreply@blogger.comBlogger19125tag:blogger.com,1999:blog-6631399405570720310.post-20763386095825997812010-04-16T14:17:04.875+01:002010-04-16T14:17:04.875+01:00दोनो ही रचनाएं दिल को भाई । आभार ।।दोनो ही रचनाएं दिल को भाई । आभार ।।Narendra Vyashttps://www.blogger.com/profile/12832188315154250367noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6631399405570720310.post-1829281708073212982010-04-15T05:06:00.891+01:002010-04-15T05:06:00.891+01:00दोनों रचनाएँ रुचीं.दोनों रचनाएँ रुचीं.Divya Narmadahttps://www.blogger.com/profile/13664031006179956497noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6631399405570720310.post-77627170445399109162010-04-15T00:02:51.333+01:002010-04-15T00:02:51.333+01:00जनाब बासित कानपुरी साहब का "महावीर" ब्लॉ...जनाब बासित कानपुरी साहब का "महावीर" ब्लॉग पर स्वागत है.<br />आपकी ग़ज़लों पे इज़हार-ए- राय करने की गुंजाइश ही नहीं क्योंकि ऐसा करना सूरज को चराग़ दिखाने वाली बात होगी. लेकिन फिर भी दिल कुछ बिना कहे नहीं मानता. आपकी दोनों ही ग़ज़लें निहायत दिलकश हैं, बहुत पसंद आईं. जैसे जैसे पढ़ता गया, इधर माहौल और भी शायराना हो गया. आपका कलाम पढ़ते हुए दिल में जज़्बात करवट बदलने लगते हैं.<br />यूं भी बहल गई है तबीयत कभी कभी<br />ख़त उसके नाम हमने लिखा और जला दिया<br />आफ़रीन!<br />वह हुस्न में एक ज़िंदगी हैं कभी जो उनकी शबीह लिखना<br />तो उनका चेहरा गुलाब लिखना और उनकी आँखों को जाम लिखना<br />आपके रू-ब-रू होता तो मुकर्र ज़रूर कहता.<br />दोनों ग़ज़लों के मक़ते भी ख़ूब पसंद आये.<br />इन ख़ूबसूरत ग़ज़लों के लिए शुक्रिया. <br />ख़ाकसार<br />महावीर शर्मामहावीरhttps://www.blogger.com/profile/00859697755955147456noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6631399405570720310.post-58965866726368963412010-04-14T16:44:04.190+01:002010-04-14T16:44:04.190+01:00यादों ने बीते लम्हों का मंज़र सजा दिया
माज़ी को हा...यादों ने बीते लम्हों का मंज़र सजा दिया<br />माज़ी को हाल - हाल को माज़ी बना दिया<br /><br />bahut hi shaandaar gazlen share ki aapne<br />padhwane ke liye shukriya Sirश्रद्धा जैनhttps://www.blogger.com/profile/08270461634249850554noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6631399405570720310.post-68650776669303637222010-04-14T15:33:45.775+01:002010-04-14T15:33:45.775+01:00वह सूरत जब भी जेहन में आए उसी का बस सिर्फ़ नाम लिखन...वह सूरत जब भी जेहन में आए उसी का बस सिर्फ़ नाम लिखना<br />तुम्हें पता है कि वह हमेशा से दिल की धड़कन में बस रहे हैं<br />नदीम उनको जो ख़त लिखो तो ज़रूर मेरा सलाम लिखना..<br />बहुत ख़ूबसूरत पंक्तियाँ! अत्यंत सुन्दर ग़ज़ल! बहुत बढ़िया लगा! लाजवाब! उम्दा प्रस्तुती!Urmihttps://www.blogger.com/profile/11444733179920713322noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6631399405570720310.post-31914853123303787702010-04-14T05:04:32.856+01:002010-04-14T05:04:32.856+01:00ITANY SHANDAR GAZALO KE LIYE DHANYAVAAD..ITANY SHANDAR GAZALO KE LIYE DHANYAVAAD..priyadarshinihttps://www.blogger.com/profile/09926652534587817667noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6631399405570720310.post-43464232660832236742010-04-13T19:49:05.996+01:002010-04-13T19:49:05.996+01:00यादों ने बीते लम्हों का मंज़र सजा दिया
माज़ी को हाल...यादों ने बीते लम्हों का मंज़र सजा दिया<br />माज़ी को हाल - हाल को माज़ी बना दिया<br /><br />वह बात जिसका ज़िक्र कभी हम न कर सके<br />लोगों ने क्यों उसी का फ़साना बना दिया<br /><br />क्या बात कही है...वाह !!!<br /><br />दोनों ही रचनाएँ अतिसुन्दर मनमोहक और लाजवाब <br />हैं...सभी के सभी शेर मन को बाँध लेने वाले हैं...<br />इन सुन्दर रचनाओं को पढवाने के लिए बहुत बहुत आभार...रंजनाhttps://www.blogger.com/profile/01215091193936901460noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6631399405570720310.post-31817822758694116132010-04-13T12:43:39.488+01:002010-04-13T12:43:39.488+01:00Baasit kanpuri kee dono gazalon
ke har sher mein ...Baasit kanpuri kee dono gazalon <br />ke har sher mein bhavabhivyakti<br />sundar aur sahaj hai.Badhaaee.Pran Sharmanoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6631399405570720310.post-41810111696950264422010-04-12T18:09:54.353+01:002010-04-12T18:09:54.353+01:00श्रद्धेय महावीर जी, आदाब
जनाब बासित कानपुरी साहब क...श्रद्धेय महावीर जी, आदाब<br />जनाब बासित कानपुरी साहब की बेहतरीन ग़ज़लें पढ़वाने के लिये शुक्रिया.<br />वह बात जिसका ज़िक्र कभी हम न कर सके<br />लोगों ने क्यों उसी का फ़साना बना दिया<br />बहुत उम्दा<br /><br />तुम्हें पता है कि वह हमेशा से दिल की धड़कन में बस रहे हैं<br />नदीम उनको जो ख़त लिखो तो ज़रूर मेरा सलाम लिखना..<br />वाह....वाहशाहिद मिर्ज़ा ''शाहिद''https://www.blogger.com/profile/09169582610976061788noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6631399405570720310.post-76580076750607682502010-04-11T19:56:55.146+01:002010-04-11T19:56:55.146+01:00mahaveer ji,
vande!
u.k. ke bhartiy rachnakaron ki...mahaveer ji,<br />vande!<br />u.k. ke bhartiy rachnakaron ki rachnayen prakash me la kar vandniy kam kar rahe hain aap.<br />badhai ho!<br />basit ji,indira ji,sanjeev varmaji,usha raje ji,aadi ko ab tak padh liya.achha laga. vaqut milne par baki ko bhi padhunga.ओम पुरोहित'कागद'https://www.blogger.com/profile/13038563076040511110noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6631399405570720310.post-86861790764209509882010-04-11T14:32:23.178+01:002010-04-11T14:32:23.178+01:00Hai ghazal Basit ki Barqi fikr o Fun ka imtezaaj
I...Hai ghazal Basit ki Barqi fikr o Fun ka imtezaaj<br />Is liye maiN pesh karta hooN unheiN apna kheraaj<br />Ahmad Ali Barqi Azmi<br />New Delhi-110025Ahmad Ali Barqi Azmihttps://www.blogger.com/profile/11228201715441418433noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6631399405570720310.post-51638409945243194122010-04-11T12:17:10.294+01:002010-04-11T12:17:10.294+01:00"देते रहे वो पहले तो झूटी तसल्लियाँ
फिर रफ़्त..."देते रहे वो पहले तो झूटी तसल्लियाँ<br /> फिर रफ़्ता रफ़्ता रब्त-ए-तआल्लुक़ घटा दिया"<br /><br />ऐसा दिल-फरेब शेर एक अरसे के बाद पढने को मिला है <br />बासित साहब की शाइरी में जो खुसूसियत है <br />उन्हें लफ़्ज़ों में बाँध पाना, कोई आसान काम नहीं <br /><br />"वह आयें 'बासित' जो घर तुम्हारे सहर से तुम उसको ताबीर करना<br /> और उनकी रूख़सत के वाकये को तुम अपनी यादों की शाम लिखना" <br /><br />वाह-वा !!<br />मुबारकबाद .daanishhttps://www.blogger.com/profile/15771816049026571278noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6631399405570720310.post-74357490757432139732010-04-11T09:16:09.048+01:002010-04-11T09:16:09.048+01:00अच्छी ग़ज़ल है। बधाई!
यूं भी बहल गई है तबीयत कभी ...अच्छी ग़ज़ल है। बधाई!<br /><br />यूं भी बहल गई है तबीयत कभी कभी<br />ख़त उसके नाम हमने लिखा और जला दिया<br /><br />वह बात जिसका ज़िक्र कभी हम न कर सके<br />लोगों ने क्यों उसी का फ़साना बना दिया<br /><br />देवमणि पाण्डेयदेवमणि पाण्डेयhttp://devmanipandey.blogspot.com/noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6631399405570720310.post-31380979257746895042010-04-11T06:01:08.539+01:002010-04-11T06:01:08.539+01:00बहुत उम्दा गजले हैं। बधाई। स्वीकारें।बहुत उम्दा गजले हैं। बधाई। स्वीकारें।परमजीत सिहँ बालीhttps://www.blogger.com/profile/01811121663402170102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6631399405570720310.post-78778297584881414632010-04-11T03:42:31.394+01:002010-04-11T03:42:31.394+01:00....बेहतरीन गजलें ... एक से बढकर एक शेर ..... बेहद.......बेहतरीन गजलें ... एक से बढकर एक शेर ..... बेहद प्रसंशनीय!!!!कडुवासचhttps://www.blogger.com/profile/04229134308922311914noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6631399405570720310.post-45034024473476510852010-04-11T02:09:49.748+01:002010-04-11T02:09:49.748+01:00देते रहे वो पहले तो झूटी तसल्लियाँ
फिर रफ़्ता रफ़्ता...देते रहे वो पहले तो झूटी तसल्लियाँ<br />फिर रफ़्ता रफ़्ता रब्त-ए-तआल्लुक़ घटा दिया<br /><br />Bahut sundar Ghazalen. Basit sahab ko pahali bar padha lekin bhai vaah----Badhaiरूपसिंह चन्देलhttps://www.blogger.com/profile/01812169387124195725noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6631399405570720310.post-38441413299977092712010-04-11T01:28:57.159+01:002010-04-11T01:28:57.159+01:00वह हुस्न में एक ज़िंदगी हैं कभी जो उनकी शबीह लिखना...वह हुस्न में एक ज़िंदगी हैं कभी जो उनकी शबीह लिखना<br />तो उनका चेहरा गुलाब लिखना और उनकी आँखों को जाम लिखना<br /><br />-बहुत आनन्द आया दोनों गज़लें पढ़कर.<br /><br />एक से एक शानदार शेर!!Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6631399405570720310.post-47098896340006173522010-04-10T19:51:52.356+01:002010-04-10T19:51:52.356+01:00माज़ी को हाल - हाल को माज़ी बना दिया
क्या बात कह ...माज़ी को हाल - हाल को माज़ी बना दिया<br />क्या बात कह दी जनाब आपने। <br /><br />और<br />वह बात जिसका ज़िक्र कभी हम न कर सके<br />लोगों ने क्यों उसी का फ़साना बना दिया।<br />तथा<br />वह हुस्न में एक ज़िंदगी हैं कभी जो उनकी शबीह लिखना<br />तो उनका चेहरा गुलाब लिखना और उनकी आँखों को जाम लिखना।<br />महफिल लूटने वाले शेर हो गये।तिलक राज कपूरhttps://www.blogger.com/profile/03900942218081084081noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6631399405570720310.post-47941841067441124702010-04-10T14:47:06.984+01:002010-04-10T14:47:06.984+01:00यादों ने बीते लम्हों का मंज़र सजा दिया
माज़ी को हा...यादों ने बीते लम्हों का मंज़र सजा दिया<br />माज़ी को हाल - हाल को माज़ी बना दिया<br /><br />वह आयें 'बासित' जो घर तुम्हारे सहर से तुम उसको ताबीर करना<br />और उनकी रूख़सत के वाक़ये को तुम अपनी यादों की शाम लिखना<br /><br />बहुत खूब!<br />माज़ी को हाल - हाल को माज़ी बना दिया<br />ये मिसरा अपने आप में बहुत कुछ समेटे हुए हैइस्मत ज़ैदीhttps://www.blogger.com/profile/09223313612717175832noreply@blogger.com