tag:blogger.com,1999:blog-6631399405570720310.post9076267706532385378..comments2023-10-31T11:05:43.618+00:00Comments on महावीर: महावीर शर्मा की ग़ज़ल और कवितामहावीरhttp://www.blogger.com/profile/00859697755955147456noreply@blogger.comBlogger26125tag:blogger.com,1999:blog-6631399405570720310.post-61523917464516506212017-11-18T06:57:56.130+00:002017-11-18T06:57:56.130+00:00आदरणीय महावीर शर्मा जी नमस्कार
मैं दुश्यन्तोत्त्र...आदरणीय महावीर शर्मा जी नमस्कार <br />मैं दुश्यन्तोत्त्र्र हिन्दी ग़ज़ल का इतिहास लिख रहा हूँ और यु के में रह आरहे ग़ज़लकारों की ग़ज़लों और उनके लेखन पर अलग अलग आलेख लिख रहा हूँ कृपया अपना और अन्य ग़ज़लकारों पर जानकारी उपलब्ध करने की कृपा करें...हरेराम समीप 919871691313<br /><br /><br />aabhaari rahungaa<br /><br /><br /><br />aapka <br /><br />sameep<br />hareram sameepnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6631399405570720310.post-92082439761923081432009-10-16T11:59:55.240+01:002009-10-16T11:59:55.240+01:00aadaarniy mahaveer ji
namaskaar
deri se aane k...aadaarniy mahaveer ji <br /><br />namaskaar <br /><br />deri se aane ke liye khama chahunga ...<br /><br />gazal maine kiyni baar padhi kya kahun .. pyaar ka aisa rang bhara hai aapne ki mere paas shabd nahi hai ,kuch kahne ko ..<br /><br />har sher kuch kahta hai aur man ke bheetar tak jaakar pyaar ke sukh -dukh ki aahat deta hai ..<br /><br />main abhi bhoot hoon is gazal se..<br /><br />kavita jo ki itni purani likhi gayoi hai par aaj bhi ,aaj ke yug ki katha kahti hai ..main nishabd hoon aapki lekhni par sir..<br /><br />mera naman hai aapki lekhni ko ..<br /><br />pranaam <br /><br />vijayvijay kumar sappattihttps://www.blogger.com/profile/06924893340980797554noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6631399405570720310.post-27463179012714752592009-10-14T20:06:48.045+01:002009-10-14T20:06:48.045+01:00:ई मेल द्वारा:
महावीर जी बहुत ही उम्दा शेर है..पड...:ई मेल द्वारा:<br /><br />महावीर जी बहुत ही उम्दा शेर है..पड़ते ही कुछ अंदर नम सा हुआ !! <br />शीशा-ए-दिल तोड़ना है तेरे संग-ए-दर पे दोस्त<br />तेरे दामन पे लहू दिल का गिराया ही कहां ?<br />देवी नागरानीदेवी नागरानीnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6631399405570720310.post-44849367918890939292009-10-14T14:44:45.193+01:002009-10-14T14:44:45.193+01:00बहुत बढ़िया ग़ज़ल और कविता पढ़ने को मिलीं--
पंकज भा...बहुत बढ़िया ग़ज़ल और कविता पढ़ने को मिलीं--<br />पंकज भाई से सहमत हूँ ग़ज़ल के शे'र को लेकर.<br />लावण्या जी से सहमत हूँ इसकी चित्रात्मक अभिव्यक्ति से.एक अरसे बाद खूबसूरत रचनाएँ पढीं...Dr. Sudha Om Dhingrahttps://www.blogger.com/profile/10916293722568766521noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6631399405570720310.post-42023151257887260302009-10-14T13:12:10.792+01:002009-10-14T13:12:10.792+01:00गीत और गजल की यह जुगलबन्दी आदरणीय महावीर शर्मा जी ...गीत और गजल की यह जुगलबन्दी आदरणीय महावीर शर्मा जी की सृजन क्षमता की परिचायक है. बधाई.<br />Acharya Sanjiv Salil<br /><br />http://divyanarmada.blogspot.comsआचार्य संजीव 'सलिल' - ई मेल द्वाराnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6631399405570720310.post-58182304371569131062009-10-14T04:37:31.980+01:002009-10-14T04:37:31.980+01:00महावीर शर्मा जी
आदाब
हैँ यह अशआर वक़्त की आवाज़
जि...महावीर शर्मा जी<br />आदाब<br />हैँ यह अशआर वक़्त की आवाज़<br />जिन मेँ है ज़िंदगी का सोज़ो साज़<br /><br />पेश करता हूँ मैँ मुबारकबाद<br />है बहुत ख़ूब आपका अंदाज़<br /><br />डॉ.अहमद अली 'बर्क़ी आज़मीAhmad Ali Barqi Azmihttps://www.blogger.com/profile/11228201715441418433noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6631399405570720310.post-65786240037896244402009-10-13T16:12:54.025+01:002009-10-13T16:12:54.025+01:00bahut sunder rachna ke lie
bhut,bhut aabhar...bahut sunder rachna ke lie <br /> bhut,bhut aabhar. <br /> <br /> Pushpa BhargavaPushpa Bhargavanoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6631399405570720310.post-91465071723185752932009-10-13T03:58:23.379+01:002009-10-13T03:58:23.379+01:00Bahut badhiya gazal aur utanee hee dard bbharee ka...Bahut badhiya gazal aur utanee hee dard bbharee kawita. Dhanyawad ise padhane ka.Asha Joglekarhttps://www.blogger.com/profile/05351082141819705264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6631399405570720310.post-91708276333151465472009-10-12T18:45:40.627+01:002009-10-12T18:45:40.627+01:00महावीर साहिब
आज मुद्दत के बाद आपकी ग़ज़ल और कविता द...महावीर साहिब <br />आज मुद्दत के बाद आपकी ग़ज़ल और कविता दोनों को पढ़ा <br />बहुत ख़ुशी हुई ग़ज़ल के सारे शेयर एक से बढ़के एक हैं <br />ज़हन को सकून देते हैं खुबसूरत ख़यालों को आपने खुबसूरत <br />लफ्जों से सजाया तराशा है जहाँ आपकी ग़ज़ल सच्चे ज़ज्बात की आईनादार <br />है वहां आपकी कविता में भी कभी कबार मुस्कराते हुए मिसरे दिखाई देते हैं <br />आपकी रचनायों में तजुर्बे की सदाकत और कल्पना की परवाज़ <br />काबिले दाद है <br />हैं दुआएँ मेरे बजुर्गों की <br />मेरे चारों तरफ उजाले हैं <br /><br />चाँद शुक्ला हदियाबादी <br />डेनमार्कhaidabadihttps://www.blogger.com/profile/00389775957099138608noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6631399405570720310.post-64087557800975239832009-10-12T15:40:24.967+01:002009-10-12T15:40:24.967+01:00नमस्कार
आपकी उम्दा तख्लिकात से नज़र नवाज़ हुआ
इतन...नमस्कार <br />आपकी उम्दा तख्लिकात से नज़र नवाज़ हुआ <br />इतने बरस पहले लिखी गयी कविता आज भी उतनी hi सच्ची और उतनी ही सार्थक है ... जज्बे इंसानियत से भरपूर .... <br />पूरी कौम की राहनुमाई करती हुई <br />वक़्त और हालात की नब्ज़ को <br />पहचानती हुई एक कामयाब रचना <br /><br />और आपकी ग़ज़ल तो सुभान अल्लाह .... <br /><br />"देखता है वो मुझे अब दुश्मन ए जां की तरह <br />दुश्मनी में भी मगर दिल से भुलाया ही कहाँ .."<br /><br />ग़ज़ल की कदीम उम्दा रिवायात की तर्जुमानी करता हुआ ये नायाब शेर <br />अपनी मिसाल खुद आप है <br />पूरी ग़ज़ल आपके तज्रबात की पुख्तगी की निशाँदेही करती है <br />मेरी जानिब से <br />पुर-अदब मुबारकबाद कुबूल फरमाएं <br />---मुफलिस---daanishhttps://www.blogger.com/profile/15771816049026571278noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6631399405570720310.post-22004207933029297522009-10-12T14:20:44.747+01:002009-10-12T14:20:44.747+01:00जाम टूटेंगे अभी तो, सर कटेंगे सैंकड़ों
उसके चहरे स...जाम टूटेंगे अभी तो, सर कटेंगे सैंकड़ों<br />उसके चहरे से अभी पर्दा हटाया ही कहां ?<br />~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~<br />ग़ज़ल के गुरुदेव<br /> गुणी, <br /> भाई श्री पंकज जी की बात <br />बिलकुल सही है <br />इस एक शेर ने ,<br /> मन में ,<br /> ना जाने कितनी कथा, कहानियों का इतिहास <br />सजीवन कर दिया है <br />मुझे तो इस वक्त -<br /> अद्वितीय सुन्दरी ,<br /> महारानी चितौड़ " पद्मिनी " याद आ रहीं हैं :-) <br />यही खूबसूरती है<br /> जो एक पंक्ति से ,<br /> आपके सामने ,<br /> पूरा चलचित्र खडा कर दे !<br />आपने वही कमाल कर दिया है ..<br /><br />ग़ज़ल और कविता दोनों ही<br /> अपने अपने रंग में <br />उत्कृष्ट हैं ही ...<br />आदरणीय महावीर जी की लेखनी को<br /> शत शत नमन - <br /><br />आ. प्राण भाई साहब ने <br />सही फरमाया, <br /> हमें <br />और भी पढ़वायें -- आपका लिखा -<br />प्रतीक्षा रहेगी ,<br />सादर, स - स्नेह,<br />- लावण्यालावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`https://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6631399405570720310.post-84079870833641765652009-10-12T13:34:50.344+01:002009-10-12T13:34:50.344+01:00जाम टूटेंगे अभी तो, सर कटेंगे सैंकड़ों
उसके चहरे स...जाम टूटेंगे अभी तो, सर कटेंगे सैंकड़ों<br />उसके चहरे से अभी पर्दा हटाया ही कहां ?<br />इसे कहते हैं शेर । जो बात मैं नये सीखने वालों को लम्ब्ी लम्बी पोस्ट से सिखाना चाहता हूं वो काम एक ही शेर कर रहा है । ये उसी प्रकार का शेर है जिसके बारे में कहा जात है कि जिसमें शेरियत कूट कूट कर भरी होती है । इसको पढ़ने में और सुनने में दोनों में ही आनंद आयेगा । मिसरा सानी में जो ठसक है जो उन्माद है वो देखने लायक है । ये एक शेर ऐसा है जिसको लेकर मैं पूरा का पूरा एक अध्याय लिख सकता हूं । बहुत दिनों के बाद शेरियत से भरपूर शेर पढ़ने को मिला । एक ऐसा शेर जिसमें मस्ती है । वही लापरवाह की मस्ती जो ग़ालिब की मीर की ग़ज़लों में होती थी । मिसरा उला में कहने का जो अंदाज है वो सर चढ़ कर बोलने वाला है । दादा भाई मैं कई लोगों को कहता हूं कि एक मिसरा तो अमूमन हर ग़ज़लकार बहुत सुंदर बना लेता है लेकिन पूरा शेर नहीं बना पाता । या तो मिसरा उला कमज़ोर रहा जाता है या मिसरा सानी में कमी रह जाती है । बहुत कम होता है कि दोनों मिसरे बोलते हुए हों । आपका ये शेर उसी प्रकार का है इसके दोनों ही मिसरे बोल रहे हैं और अपने ही अंदाज़ में बोल रहे हैं । दादा भाई आज गीत की और ग़ज़ल के बाकी के शेरों की बात इसलिये नहीं कर रहा कि आज तो इस एक ही शेर के आनंद में खोया हूं । क्या लिख दिया ये आपने दादाभाई । अहा जाम टूटेंगे अभी तो, सर कटेंगे सैंकड़ों, उसके चहरे से अभी पर्दा हटाया ही कहां ?<br />अभी तो इसका ही आनंद लेनें दें । इसको रट लेने दें ताकि इसको कोट करने वाले स्थान पर कोट कर सकूं ।पंकज सुबीरhttps://www.blogger.com/profile/16918539411396437961noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6631399405570720310.post-67524236851928276862009-10-12T13:18:43.257+01:002009-10-12T13:18:43.257+01:00आदरणीय महावीर जी सादर प्रणाम...अभिभूत हूँ आपकी ग़ज...आदरणीय महावीर जी सादर प्रणाम...अभिभूत हूँ आपकी ग़ज़ल और गीत पढ़ कर क्या कहूँ कुछ शब्द ही समझ में नहीं आ रहे...अप्रतिम रचनाएँ हैं ये आपकी...आभार इन्हें हमें पढने का मौका दिया आपने...<br />नीरजनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6631399405570720310.post-16291953222939484522009-10-12T11:24:38.804+01:002009-10-12T11:24:38.804+01:00इतना शानदार ग़ज़ल और कविता लिखा है आपने जो काबिले ...इतना शानदार ग़ज़ल और कविता लिखा है आपने जो काबिले तारीफ़ है ! बहुत खूब !Urmihttps://www.blogger.com/profile/11444733179920713322noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6631399405570720310.post-33746363395086608402009-10-12T07:12:42.267+01:002009-10-12T07:12:42.267+01:00वाह वाह
बहुत खूब.............
आनन्द आ गया............वाह वाह<br />बहुत खूब.............<br />आनन्द आ गया.........<br />बधाई !Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/09116344520105703759noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6631399405570720310.post-50693269795938886662009-10-12T06:52:37.170+01:002009-10-12T06:52:37.170+01:00टूट कर मेरा बिखरना, दर्द की हद से परे
दिल के आईने ...टूट कर मेरा बिखरना, दर्द की हद से परे<br />दिल के आईने में ये मञ्ज़र दिखाया ही कहां ?<br />और<br />देखता है वो मुझे अब दुश्मन-ए-जाँ की तरह<br />दुश्मनी में भी मगर दिल से भुलाया ही कहां ?<br /><br />लाजवाब सुन्दर<br />यदि मेरा अधःपतन तेरे , जीवन का आधार बने तो,<br /><br />स्वागत सौ सौ बार पतन का !<br /><br />यदि जीवन के घोर शमन से, मानव का इतिहास बने तो,<br /><br />स्वागत सौ सौ बार शमन का !<br />आपको भी इस कविता के लिये सौ बार नमन धन्यवाद ओस सुन्दत [रस्तुति के लियेनिर्मला कपिलाhttps://www.blogger.com/profile/11155122415530356473noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6631399405570720310.post-7746016955957417472009-10-12T06:28:23.152+01:002009-10-12T06:28:23.152+01:00यदि जीवन के घोर शमन से, मानव का इतिहास बने तो,
स्व...यदि जीवन के घोर शमन से, मानव का इतिहास बने तो,<br />स्वागत सौ सौ बार शमन का ! <br /><br />महावीरजी, <br />गद्य एवं पद्य दोनों में महारत रखते हैं <br />यदि जीवन के घोर शमन से, मानव का इतिहास बने तो,<br />स्वागत सौ सौ बार शमन का ! <br />अत्यधिक उच्च विचार हैं l<br />बधाई स्वीकार करें lDr. Ghulam Murtaza Shareefhttps://www.blogger.com/profile/09500573632433302292noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6631399405570720310.post-16162129387991932382009-10-12T04:20:10.545+01:002009-10-12T04:20:10.545+01:00आदरणीय शर्मा जी
गज़ल और कविता - दोनों ही बहुत सार्...आदरणीय शर्मा जी<br /><br />गज़ल और कविता - दोनों ही बहुत सार्थक लगीं.१९६१ की कविता की सचाई इतने वर्षों बाद भी नहीं बदली बल्कि बढ़ी ही है.आपकी रचनाएं पढ़कर अच्छा लगता है.<br /><br />आभार<br /><br />चन्देलरूपसिंह चन्देलhttps://www.blogger.com/profile/01812169387124195725noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6631399405570720310.post-64880579559830051272009-10-12T02:35:32.831+01:002009-10-12T02:35:32.831+01:00aadarniya mahavir jee aapki dono rachnaon ne mun k...aadarniya mahavir jee aapki dono rachnaon ne mun ko mohliya hai yadi mera adhe:patan tere iss jeevan ka aadhar bane to ,svaagat sou-sou baar patan kaa!<br />behtareen rachnaa hai aur gajal kaa bhee ek alag meejaaj jo gehre chhu jaata hai,<br />khat likhe the khoon se jo aansuon ne dho diye <br />jo likhaa dil ke varak par vo mitaaya hee kahaan<br /> badhai sveekaren meri aur se <br /><br /><br /> ashok andreyashok andreyhttps://www.blogger.com/profile/03418874958756221645noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6631399405570720310.post-57958906710522813872009-10-11T18:09:59.214+01:002009-10-11T18:09:59.214+01:00Namaste,
Bahut achchi rachana !
देखता है वो मुझे अ...Namaste,<br />Bahut achchi rachana !<br />देखता है वो मुझे अब दुश्मन-ए-जाँ की तरह<br />दुश्मनी में भी मगर दिल से भुलाया ही कहां ?<br /><br />ग़ैर की बाहों में था वो और मैं ख़ामोश था<br />संग दिल तू ने अभी तो आज़माया ही कहां?<br /><br />Yah sabse adhik pasand aaye.<br /><br />जो बनाई है तिरे काजल से तस्वीर-ए-जहाँ<br />पर अभी तो प्यार से उसको सजाया ही कहां ?<br /><br />Yeh wala sher ..... zara alagh laga.<br /><br />Pranaam<br />RCPritishihttps://www.blogger.com/profile/18027391149451748413noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6631399405570720310.post-15691194507945083612009-10-11T18:03:34.857+01:002009-10-11T18:03:34.857+01:00कविता और गजल दोनों बहुत बढिया लिखी हैं।पढ कर आनंद ...कविता और गजल दोनों बहुत बढिया लिखी हैं।पढ कर आनंद आ गया। धन्यवाद।परमजीत सिहँ बालीhttps://www.blogger.com/profile/01811121663402170102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6631399405570720310.post-42951976107912257412009-10-11T14:59:02.086+01:002009-10-11T14:59:02.086+01:00MAHAVIR SHARMA JEE JITNE ACHCHHE
GADYA LEKHAK HAIN...MAHAVIR SHARMA JEE JITNE ACHCHHE<br />GADYA LEKHAK HAIN UTNE ACHCHHE KAVI<br />BHEE HAIN.BAHUT DINON KE BAAD UNKA<br />KAVYA PADHNE KAA SUAVSAR MILAA HAI.<br />GAZAL AUR KAVITA DONO HEE SASHAKT<br />HAIN.1961 MEIN LIKHEE UNKEE KAVITA<br />AAJ BHEE NAYEE LAGTEE HAI.ACHCHHEE<br />KAVITA KABHEE PURANEE NAHIN HOTEE<br />HAI.ASHA HAI KI BHAVISHYA MEIN <br />MAHAVIR SHARMA JEE KEE ANYA <br />KAVITAAYEN PADHNE KO MILENGEE.N JAANE KAHAN-KAHAN UNHONNE APNEE <br />KAVITAAYEN CHHIPAKAR RAKHEE HAIN?<br />MAIN UNSE GUZAARISH KARTAA HOON KI<br />VE EK-EK KARKE APNEE SABHEE KAVITAYEN BLOG PAR LAGAAYEN.PRAN SHARMAnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6631399405570720310.post-67545374568312029862009-10-11T11:01:09.415+01:002009-10-11T11:01:09.415+01:00"जाम टूटेंगे अभी तो, सर कटेंगे सैंकड़ों ही / ..."जाम टूटेंगे अभी तो, सर कटेंगे सैंकड़ों ही / सके चेहरे से अभी पर्दा हटाया ही कहां है"...बहुत खूब सर!<br /><br />स्वागत सौ-सौ बार पतन का....पढ़ कर आस-पास की एक सच्ची तस्वीर जो उभरती है तो मन वितृष्णा से भर उठता है। अपने पूरे लय-प्रवाह में एक बहुत ही अच्छी कविता!!गौतम राजऋषिhttps://www.blogger.com/profile/04744633270220517040noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6631399405570720310.post-20704708518609400802009-10-11T08:57:00.523+01:002009-10-11T08:57:00.523+01:00bahut sunderbahut sundermehekhttp://mehhekk.wordpress.com/noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6631399405570720310.post-33147253641157773022009-10-11T07:42:11.742+01:002009-10-11T07:42:11.742+01:00जाम टूटेंगे अभी तो, सर कटेंगे सैंकड़ों ही
उसके चेह...जाम टूटेंगे अभी तो, सर कटेंगे सैंकड़ों ही<br />उसके चेहरे से अभी पर्दा हटाया ही कहां है?<br />......waah<br />jane kis kis ki maut aayi hai<br />aaj rukh par koi nakaab nahiरश्मि प्रभा...https://www.blogger.com/profile/14755956306255938813noreply@blogger.com