tag:blogger.com,1999:blog-6631399405570720310.post4948958893958589842..comments2023-10-31T11:05:43.618+00:00Comments on महावीर: तेजेन्द्र शर्मा की दो ग़ज़लें और 'वक़्त के आइने में' का लोकार्पणमहावीरhttp://www.blogger.com/profile/00859697755955147456noreply@blogger.comBlogger18125tag:blogger.com,1999:blog-6631399405570720310.post-25939538435725197202009-04-24T12:37:00.000+01:002009-04-24T12:37:00.000+01:00mahaver ji
tejendra ji , bahut behtar likhte hai...mahaver ji <br /><br />tejendra ji , bahut behtar likhte hai , isme koi shaq nahi hai .. maine unki kahaniya padhi hai , man ko bahut prabhavit karti hai .. <br /><br />meri aor se aap dono ko badhai ..<br /><br />vijay <br />http://poemsofvijay.blogspot.comvijay kumar sappattihttps://www.blogger.com/profile/06924893340980797554noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6631399405570720310.post-11584184942673729462009-04-21T21:45:00.000+01:002009-04-21T21:45:00.000+01:00महावीर जी आपको जन्म दिन की हार्दिक शुभकामनाएं
वी...महावीर जी आपको जन्म दिन की हार्दिक शुभकामनाएं <br /><br />वीनस केसरीवीनस केसरीhttps://www.blogger.com/profile/08468768612776401428noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6631399405570720310.post-71224478460462040572009-04-21T20:58:00.000+01:002009-04-21T20:58:00.000+01:00सालगिरह की करोड़ों मुबारकबाद महावीर जी....सालगिरह की करोड़ों मुबारकबाद महावीर जी....गौतम राजऋषिhttps://www.blogger.com/profile/04744633270220517040noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6631399405570720310.post-37430143777726144132009-04-20T18:22:00.000+01:002009-04-20T18:22:00.000+01:00मुझ को चोरी से निगाहों को मिलाने वाले
ख़ूब है तू मु...मुझ को चोरी से निगाहों को मिलाने वाले<br />ख़ूब है तू मुझे दीवाना बनाने वाले<br /><br />वाह ...वाह...तेजेंद्र जी आखिर हमने आपको ढूंढ ही निकाला....बहोत खूब....!!<br /><br />तुम मेरे कौन हो ये जान नहीं पाया हूँ<br />इतनी आसानी से हक़ मुझ पे जताने वाले<br /><br /><br /><br />बेहतरीन....!!<br /><br />मैं रहूँ करता तुम्हारा इंतज़ार<br />तुम हो बस मैं ये चली और वो चली<br /><br />हा...हा...हा ...बहोत खूब.......!!हरकीरत ' हीर'https://www.blogger.com/profile/09462263786489609976noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6631399405570720310.post-13981368630932408152009-04-20T08:24:00.000+01:002009-04-20T08:24:00.000+01:00badhaayee...badhaayee...kavi kulwanthttps://www.blogger.com/profile/07096995143341561602noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6631399405570720310.post-57507533045406479142009-04-17T23:30:00.000+01:002009-04-17T23:30:00.000+01:00तेजेन्द्र भाई
टाइपिंग में ग़लती से 'कह' की जगह 'ख'...तेजेन्द्र भाई<br />टाइपिंग में ग़लती से 'कह' की जगह 'ख' लिखने के लिए क्षमा चाहता हूं जो अब ठीक कर दी गई है। <br />अर्श जी, आपकी ख़ुर्दबीनी नज़र के लिए दाद देता हूं कि मेरी छोटी सी ग़लती की वजह से इतनी ख़ूबसूरत ग़ज़ल का मज़ा ही बिगड़ गया था। <br />तेजेन्द्र भाई की कहानियों के बारे में कृष्णा सोबती जी ने जैसा कि कहा है 'तेजेन्द्र शर्मा की कहानियां<br />मण्टो की तरह हमें झकझोर देती हैं।' - इसके बाद कुछ कहने को ही नहीं रहता। <br />ऊपर दी हुई ग़ज़लें मुझे बहुत पसंद हैं। उनकी ग़ज़लें और अन्य रचनाएं दिल पर एक अमिट सी छाप छोड़ जाती हैं।<br />आपकी नई पुस्तक 'वक़्त के आइने में' के लिए बधाई।<br />महावीरमहावीरhttps://www.blogger.com/profile/00859697755955147456noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6631399405570720310.post-70012986629707651352009-04-17T22:46:00.000+01:002009-04-17T22:46:00.000+01:00तेजेन्द्र जी की कहानियाँ तो पढ़ने के अवसर रोज़ मिलत...तेजेन्द्र जी की कहानियाँ तो पढ़ने के अवसर रोज़ मिलते हैं--महावीर जी ने उनकी ग़ज़लें पढ़ा कर अनुभूत कर दिया---<br />चेहरा यूँ आगोश में तेरे छिपा<br />मौत सोचे वो गई कैसे छली<br />और <br />गहरी इक फाँस सी चुभती है मेरे सीने में<br />हाथ हर एक से हर रोज़ मिलाने वाले <br />बहुत खूब --Dr. Sudha Om Dhingrahttps://www.blogger.com/profile/10916293722568766521noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6631399405570720310.post-72038493785399775832009-04-17T22:06:00.000+01:002009-04-17T22:06:00.000+01:00आदरणीय भाई साहब
ग़ज़लें और रिपोर्ट अपने ब्लॉग पर ...आदरणीय भाई साहब<br /><br />ग़ज़लें और रिपोर्ट अपने ब्लॉग पर लगाने के लिये शुक्रिया। मित्रों की टिप्पिणयों से हौसला बढ़ता है। <br /><br />एक छोटी सी बात - पहली ग़ज़ले के शेर में एक टाइपिंग की भूल अर्श ने इंगित की है। शेर छपा है -तुझ से किस मुंह से मैं ख दूँ कि पराया है तू... इस पंक्ति में ख ग़लत टाइप हो गया है - सही पंक्ति है - तुझ से किस मुंब से मैं कह दूं कि पराया है तू।<br /><br />सादर<br /><br />तेजेन्द्रतेजेन्द्र शर्माhttps://www.blogger.com/profile/15753407163299608362noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6631399405570720310.post-19460994080915374942009-04-17T06:18:00.000+01:002009-04-17T06:18:00.000+01:00Read article about...
Blogging And Password Hacki...Read article about...<br /><br /><A HREF="http://techprevue.blogspot.com/2009/04/blogging-and-password-hacking-part-i.html" REL="nofollow">Blogging And Password Hacking Part-I</A>Vinayhttps://www.blogger.com/profile/08734830206267994994noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6631399405570720310.post-91603315553416730142009-04-17T04:18:00.000+01:002009-04-17T04:18:00.000+01:00... प्रभावशाली व प्रसंशनीय गजलें .... तेजेन्द्र शर...... प्रभावशाली व प्रसंशनीय गजलें .... तेजेन्द्र शर्मा जी को शुभकामनाएँ।कडुवासचhttps://www.blogger.com/profile/04229134308922311914noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6631399405570720310.post-17897592991739242582009-04-17T00:37:00.000+01:002009-04-17T00:37:00.000+01:00मुझे आपका ब्लोग बहुत अच्छा लगा ! आप बहुत ही सुन्दर...मुझे आपका ब्लोग बहुत अच्छा लगा ! आप बहुत ही सुन्दर लिखते है ! मेरे ब्लोग मे आपका स्वागत है !Urmihttps://www.blogger.com/profile/11444733179920713322noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6631399405570720310.post-90286013220681026172009-04-16T21:19:00.000+01:002009-04-16T21:19:00.000+01:00तेजेन्द्र जी की गज़लेँ और कथाएँ हिन्दी साहित्य मेँ...तेजेन्द्र जी की गज़लेँ और कथाएँ हिन्दी साहित्य मेँ अपना सम्माननीय स्थान बना चुकी हैँ आज आदरणीय महावीर जी आपके जाल घर पर सविस्तार सब पढकर खुशी हुई -<br /> उन्हेँ बहुत बधाई और आपका आभार - <br />- लावण्यालावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`https://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6631399405570720310.post-41167699290635614822009-04-16T19:22:00.000+01:002009-04-16T19:22:00.000+01:00अच्छी लगीं दोनों ग़ज़लें....
पुस्तक की जानकारी के लि...अच्छी लगीं दोनों ग़ज़लें....<br />पुस्तक की जानकारी के लिये आभार गुरूवरगौतम राजऋषिhttps://www.blogger.com/profile/04744633270220517040noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6631399405570720310.post-59167955249404350452009-04-16T17:51:00.000+01:002009-04-16T17:51:00.000+01:00तुम मेरे कौन हो ये जान नहीं पाया हूँ
इतनी आसानी से...तुम मेरे कौन हो ये जान नहीं पाया हूँ<br />इतनी आसानी से हक़ मुझ पे जताने वाले<br />कितनी नजाकत से लिखी गयी है ये शे'र ... और उतनी ही इमानदारी से है...बहोत ही खूब कही है तेजेंद्र साहिब ने ......और आपको सबसे पहले चरणस्पर्श के आपने ऐसे शे'र को पढने के लिए मौका दिया ...... एक सवाल है क्या इसके निचे वाले शे'र में ख कोई शब्द है या वो प्रिंट मिस्टेक है ........तेजेंद्र जी के नहीं पुस्तक के विमोचन के लिए बधाई...<br /><br /><br />अर्श"अर्श"https://www.blogger.com/profile/15590107613659588862noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6631399405570720310.post-75745388495195077492009-04-16T15:10:00.000+01:002009-04-16T15:10:00.000+01:00गहरी इक फाँस सी चुभती है मेरे सीने में
हाथ हर एक स...गहरी इक फाँस सी चुभती है मेरे सीने में<br />हाथ हर एक से हर रोज़ मिलाने वाले<br />इतना खूबसूरत शेर कहना तेजेंद्र जी की बस की ही बात है...आपका शुक्रिया उनकी ग़ज़लें पढने का अवसर दिया...<br />उनकी कहानियो के बारे में जितना कहा जाए कम है...उनकी दूसरी किताब के लोकार्पण की ढेरों बधाईयाँ.<br />नीरजनीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6631399405570720310.post-24187206607285894232009-04-16T09:52:00.000+01:002009-04-16T09:52:00.000+01:00TEJENDRA SHARMA KEE DONO GAZALON
KEE BHAVABHIVYAKT...TEJENDRA SHARMA KEE DONO GAZALON<br />KEE BHAVABHIVYAKTI PRABHAVSHALEE<br />HAI.ACHCHHE GAZALON AUR "WAQT KE<br />AAEENE MEN"KE LOKARPAN KE VIVRAN<br />PAR MEREE HAARDIK BADHAAEE.PRAN SHARMAnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6631399405570720310.post-15636505743220391502009-04-16T09:47:00.000+01:002009-04-16T09:47:00.000+01:00लाजवाब गज़लें है दोनों की दोनों............
तेजेंद...लाजवाब गज़लें है दोनों की दोनों............<br />तेजेंदर जी की पुस्तक के बारे में जान कर अच्छा लगादिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6631399405570720310.post-44589909951873872032009-04-16T06:15:00.000+01:002009-04-16T06:15:00.000+01:00सुन्दर रचनाएँसुन्दर रचनाएँVinayhttps://www.blogger.com/profile/08734830206267994994noreply@blogger.com