tag:blogger.com,1999:blog-6631399405570720310.post7167850832477216832..comments2023-10-31T11:05:43.618+00:00Comments on महावीर: यू.के. से डॉ. इंदिरा आनंद की दो कवितायेंमहावीरhttp://www.blogger.com/profile/00859697755955147456noreply@blogger.comBlogger14125tag:blogger.com,1999:blog-6631399405570720310.post-83363045476252065562010-04-13T19:58:46.506+01:002010-04-13T19:58:46.506+01:00जो देने में ही सुख पाते, प्रतिदान नहीं माँगा करते....जो देने में ही सुख पाते, प्रतिदान नहीं माँगा करते.<br />जिनको विश्वास अडिग निज पर, वरदान नहीं माँगा करते.<br /><br />कितनी सुन्दर बात कही...वाह...मन उल्लासित हो गया..अतिसुन्दर और प्रवाहमयी यह कविता मंत्रमुग्ध कर लेती है... <br /><br /><br />आयु इक छिदले घट मानित<br />बूंद बूंद गिर जाती घटती<br />जो जाने इस क्षण की कीमत<br />ज्ञानी करे उसे जग निश्चित.<br /><br />इस कविता का गंभीर चिंतन मन मस्तिष्क को सात्विक खुराक प्रदान करता है...<br /><br />दोनों ही रचनाओं ने मन मोह लिया...रंजनाhttps://www.blogger.com/profile/01215091193936901460noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6631399405570720310.post-2640819739870743592010-04-11T06:03:37.080+01:002010-04-11T06:03:37.080+01:00सुन्दर रचनाएं हैं बधाई।सुन्दर रचनाएं हैं बधाई।परमजीत सिहँ बालीhttps://www.blogger.com/profile/01811121663402170102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6631399405570720310.post-92175989787735824002010-04-10T03:27:30.592+01:002010-04-10T03:27:30.592+01:00डॉ. इंदिरा आनंद की कवितायें प्रभावशाली हैं ।
आदर...डॉ. इंदिरा आनंद की कवितायें प्रभावशाली हैं । <br />आदरणीय महावीरजी की दिव्य दृष्टि को प्रणाम !<br /><br />http://shabdswarrang.blogspot.com/<br /><br />कृपया ,शस्वरं पर पधारें,और टिप्पणी दें !<br /><br />..ब्लॉग मित्र मंडली में शामिल हों !!<br /><br />साभार : राजेन्द्र स्वर्णकारRajendra Swarnkar : राजेन्द्र स्वर्णकारhttps://www.blogger.com/profile/18171190884124808971noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6631399405570720310.post-58581684901615575112010-04-05T06:19:23.631+01:002010-04-05T06:19:23.631+01:00इंदिरा जी की दोनों कविताओं ने मन जीत लिया.......उन...इंदिरा जी की दोनों कविताओं ने मन जीत लिया.......उनसे परिचय करने का शुक्रिया......अच्छी प्रस्तुति.....!Pawan Kumarhttps://www.blogger.com/profile/08513723264371221324noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6631399405570720310.post-76062707335105733142010-04-04T04:12:26.222+01:002010-04-04T04:12:26.222+01:00dono kavitaen padin har bhav ko bade sundar dhang ...dono kavitaen padin har bhav ko bade sundar dhang se shabdo me piro kar prastut kiya hai inn behtareen kavitaon ke liye badhai deta hoon DR INDIRA JEE KO.ashok andreyhttps://www.blogger.com/profile/03418874958756221645noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6631399405570720310.post-48339121982005468922010-04-03T14:28:23.800+01:002010-04-03T14:28:23.800+01:00Dr Indira Anand ko padhana behad sukhad raha... ba...Dr Indira Anand ko padhana behad sukhad raha... bahut khoob..Kavi Kulwanthttps://www.blogger.com/profile/03020723394840747195noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6631399405570720310.post-46071622769041697712010-04-03T13:54:51.406+01:002010-04-03T13:54:51.406+01:00तिलक राज जी, टंकण में जो त्रुटि हो गई थी, ठीक कर द...तिलक राज जी, टंकण में जो त्रुटि हो गई थी, ठीक कर दी गई है. इसकी ओर<br />ध्यान दिलाने के लिए बहुत धन्यवाद.<br />महावीर शर्मामहावीरhttps://www.blogger.com/profile/00859697755955147456noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6631399405570720310.post-85582586995246374232010-04-03T12:19:59.811+01:002010-04-03T12:19:59.811+01:00श्रधेय महावीर जी को सादर प्रणाम,
डा. इंदिरा जी की ...श्रधेय महावीर जी को सादर प्रणाम,<br />डा. इंदिरा जी की दोनों ही कवितायेँ पूर्ण हैं... और इन दोनों कविताओं केबारे में कुछ भी कहने के लिए मेरे पास शब्द नहीं हैं.... पहली कविता विश्वास ... पढ़ते वख्त ऐसी जानपड़ती है जैसे बचपन की वो कविता वीर तुम बढे चलो धीर तुम बढे चलो .... याद आगई ...<br />बेहतरीन कविता आप पढ़ने को मिली ....<br />"आयु " कविता में भाव ऐसे भरे हैं के क्या कहने ... समय की विशिष्टता पर गौर करने वाली बात है <br />अपनी कविताओं में शुद्ध रूप से जिस तरह से हिंदी के शब्दों का इस्तेमाल किया है इन्होने वो अपने आप में सामर्थ्य की बात है ... <br />इंदिरा जी को बधाई इन दोनों की कविताओं के लिए ....<br /><br /><br />आपका<br />अर्श"अर्श"https://www.blogger.com/profile/15590107613659588862noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6631399405570720310.post-28871164658589363342010-04-03T07:46:58.775+01:002010-04-03T07:46:58.775+01:00'अलि अब तक है' में टंकण त्रुटि हो गयी लगती...'अलि अब तक है' में टंकण त्रुटि हो गयी लगती है यह 'अलि तब तक है' रहा होगा। एक बार फिर ऐसी रचनायें पढ़ने को मिलीं जिनसे उच्च हिन्दी के पाठ याद आ गये।तिलक राज कपूरhttps://www.blogger.com/profile/03900942218081084081noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6631399405570720310.post-48258930777277405942010-04-03T06:58:26.411+01:002010-04-03T06:58:26.411+01:00जो देने में ही सुख पाते, प्रतिदान नहीं माँगा करते....जो देने में ही सुख पाते, प्रतिदान नहीं माँगा करते.-बहुत प्रभावी अभिव्यक्ति है। और इन पंक्तियों में जीवन का सच अनुस्यूत है।सहज साहित्यhttps://www.blogger.com/profile/09750848593343499254noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6631399405570720310.post-63298640975323173142010-04-03T03:43:57.134+01:002010-04-03T03:43:57.134+01:00....बेहद प्रभावशाली रचनाएं!!!....बेहद प्रभावशाली रचनाएं!!!कडुवासचhttps://www.blogger.com/profile/04229134308922311914noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6631399405570720310.post-10672551011341838432010-04-02T22:30:55.998+01:002010-04-02T22:30:55.998+01:00आदरणीय महावीर जी ,
इन्दिरा आनंद की कविताएं अच्छी ल...आदरणीय महावीर जी ,<br />इन्दिरा आनंद की कविताएं अच्छी लगीँ।भाषा व बुनघट का पक्ष थोड़ा कमजोर है ।यह शायद यू.के.के लम्बे प्रवास की वज़ह से भी है।आप पराये देश मेँ हिन्दी का ध्वज थामे हैँ इस हेतु आपको नमन!<br />omkagad.blogspot.comओम पुरोहित'कागद'https://www.blogger.com/profile/13038563076040511110noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6631399405570720310.post-59843429004967981402010-04-02T21:54:11.589+01:002010-04-02T21:54:11.589+01:00बहुत बढ़िया रचना! उम्दा प्रस्तुती!बहुत बढ़िया रचना! उम्दा प्रस्तुती!Urmihttps://www.blogger.com/profile/11444733179920713322noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6631399405570720310.post-38160101094527653152010-04-02T18:00:47.243+01:002010-04-02T18:00:47.243+01:00जिनको विश्वास अडिग निज पर, वरदान नहीं माँगा करते.
...जिनको विश्वास अडिग निज पर, वरदान नहीं माँगा करते.<br />कब जाना शलभ बचारे ने, जलना उसकी नादानी है.<br />शबनम का कतरा क्या जाने, वह मोती है या पानी है.<br />कंटक में कलियाँ पली, चटख कर फूल बनी, अलि मंडराया<br />वे क्या जाने अलि अब तक है, जब तक यह खिली जवानी है.<br />जो देने में ही सुख पाते, प्रतिदान नहीं माँगा करते.<br /><br />बहुत बढ़िया रचना ,अत्यंत उप्युक्त शब्दों का प्रयोग ,बहुत सुंदरइस्मत ज़ैदीhttps://www.blogger.com/profile/09223313612717175832noreply@blogger.com