Wednesday 25 January 2012

गणतंत्र दिवस ... प्रस्ताव-- पुष्पा भार्गव


आज भारतीय गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं देते हुए आपके लिए लन्दन से आदरणीया पुष्पा भार्गव जी की मौके और माहौल वाली एक प्रेरक रचना लेकर आया हूँ.. पढ़िएगा और सराहियेगा


गणतंत्र दिवस ... प्रस्ताव


गम भुला

खुशियाँ लुटा

मुस्कुरा के चल

अँधेरी रात मेँ

डट के हौसला जुटा

रोड़ों को पथ से हटा

एक नई उमंग उठेगी

ज़िंदगी की चाह मेँ

सिर उठा

साहस दिखा

कठिनाइयोँ को ले के

अपने हाथ मेँ

खोज कर नई डगर

आगे बढ़ बन कर निडर

हँस के यह दुनिया सदा

चलेगी तेरे साथ मेँ


पुष्पा भार्गव

यू के


प्रस्तोता- दीपक मशाल

8 comments:

vandana gupta said...

उम्दा रचना ………… सभी को गणतन्त्र दिवस पर हार्दिक बधाई

shikha varshney said...

बहुत सुन्दर रचना.

PRAN SHARMA said...

SUNDAR KAVITA KE LIYE PUSHPA JI KO
BADHAAEE AUR SHUBH KAMNA .

प्रवीण पाण्डेय said...

मुस्कराहट बाटने से बढ़ चलेगी..

Mamta Bajpai said...

बहुत अच्छी रचना बधाई

सुधाकल्प said...

साहस का संचार करती हुई ओजपूर्ण कविता |

सुधा भार्गव

Vinay Prajapati Nazar said...

अत्यंत सुंदर कृति!

vicky said...

Thanks for sharing this valuable information.I have a blog about computer and internet

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