नव वर्ष पर मनोशी चैटर्जी के मधुर स्वर में माँ सरस्वती की स्तुति में आप भी सम्मलित हो कर माँ सरस्वती का आशीर्वाद लीजिए। क्लिक करने के बाद आवाज़ के लिए कुछ क्षण ठहरिए।
करें और उसके बाद झूम कर गाते हुए उनकी ग़ज़ल का रसास्वादन कीजिएः
क़ता
गीत गाते हुए गुनगुनाते हुए
मुस्कराते हुए ग़म भुलाते हुए
ऐ मेरे साथियों ऐ मेरे दोस्तों
आओ स्वागत करें हम नए साल का
ग़ज़ल
छेड़ ऐसी ग़ज़ल इस नए साल में
झूमे मन का कंवल इस नए साल में
कोई ग़मगीन माहौल क्यों हो भला
हर तरफ़ हो चहल इस नए साल में
गिर न पाए कभी है यही आरज़ू
हसरतों का महल इस नए साल में
याद आए सदा कारनामा तेरा
मुश्किलें कर सहल इस नए साल में
नेकियों की तेरी यूं कमी तो नहीं
हर बदी से निकल इस नए साल में
पहले खुद को बदल कर दिखा हमसफ़र
फिर जग को बदल इस नए साल में
रोज इतना ही काफ़ी है तेरे लिए
मुस्करा पल दो पल इस नए साल मे
प्राण शर्मा
"महावीर" ब्लॉग के पिछले पते पर आप विभिन्न रचनाकारों के लेख, कविताएं, ग़ज़लें, कहानियां, हास्य-व्यंग्य आदि का रसास्वादन करते रहे हैं। अब इस नए ब्लॉग पर भी इसी प्रकार प्रतिष्ठित रचनाकारों की रचनाओं के साथ नए नए लेखकों को भी प्रोत्साहन देते रहेंगे।
मैं दो महान हस्तियों का उल्लेख करना चाहूंगा। २००४ में लगभग ४० वर्षों के प्रवास -काल में लेखन की जो कड़ी टूट गई थी, उसके पुनः जुड़ने की प्रेरणा पूर्णिमा वर्मन जी के ही प्रोत्साहन और सहयोग से मिली थी। 'अभिव्यक्ति', 'अनुभूति' और 'हिंदी अनुभूति ग्रुप' में जो प्यार भरा सम्मान मिला था उसे भुलाया नहीं जा सकता। 'ग्रुप' के मॉड्रेटर विजेन्द्र 'विज', मानोशी चैटर्जी और संगीता मृणाल को भी मैं धन्यवाद देता हूं।
दूसरे, श्री प्राण शर्मा जो समय समय पर मेरा मार्ग-दर्शन करते रहे हैं।जुलाई २००८ के 'बरखा-बहार मुशायरे' की सफलता का श्रेय मै उन्हीं को देता हूं। मुझे गर्व है कि नए वर्ष में पहली पोस्ट उनकी ही ग़ज़ल से आरंभ हो रही है।
मैं उन रचनाकारों को सहृदय धन्यवाद देता हूं जिन्होंने समय समय पर अपनी रचनाएं देकर ब्लॉग का सम्मान बढ़ाया है :-
पूर्णिमा वर्मन, प्राण शर्मा, लावण्या शाह, डॉ० कुँवर बेचैन, जनाब अहमद अली 'बर्क़ी'आज़मी, द्विजेन्द्र 'द्विज', सुरेश चन्द्र "शौक़", उषा राजे सक्सेना, तेजेन्द्र शर्मा, देवमणि पांडेयः, समीर लाल 'समीर', देवी नागरानी, चाँद शुक्ला हदियाबादी, सतपाल 'ख़्याल', मनोशी चैटर्जी, कवि कुलवंत सिंह, राकेश खंडेलवाल, नीरज गोस्वामी, रश्मि प्रभा, रंजना भाटिया 'रंजू' , पारुल, सीमा गुप्ता, डॉक्टर महक, कंचन चौहान, डॉ. मंजुलता सिंह, रज़िया मिर्ज़ा "राज़", नीरज त्रिपाठी, हेमज्योतस्ना, दीपा जोशी, गौतम राजरिशी।
सभी पाठकों और टिप्पणीकारों को भी धन्यवाद देता हूं ।
महावीर शर्मा
12 comments:
महावीर जी आप को इस बांलग पर पहली बधाई मेरी ओर से, ईशबर से प्राथना करता हुं आप का यह बांलग खुब फ़ले फ़ुले.
नव वर्ष की आप और आपके परिवार को हार्दिक शुभकामनाएं !!!नया साल आप सब के जीवन मै खुब खुशियां ले कर आये,ओर पुरे विश्चव मै शातिं ले कर आये.
धन्यवाद
आप की रचना तो कल ही पढ पाऊगां
आदरणीय महावीर जी
नवे साल मेँ प्रिय मानोशी के सँग
माँ सरस्वती की स्तुति मेँ
और प्राण शर्मा जी की गज़ल से
आपके नये जालघर पर आकर
धन्य हो गये हम तो -
आपकी सृजनात्मकता सदा
यूँ ही चलती रहे
और
माँ सरस्वती ह्रदय मेँ सदा वास करे -
सादर सस्नेह नव वर्ष की अभ्यर्थना सहित,
- लावण्या
naya saal bahut mubarak ho aur naye blog ki bahut badhai,manoshi ji ki saraswati stuti bahut sundar aur pran ji ki gazal subhan allah.
याद आए सदा कारनामा तेरा
मुश्किलें कर सहल इस नए साल में
नेकियों की तेरी यूं कमी तो नहीं
हर बदी से निकल इस नए साल में
bahut khubsurat.
आदरणीय महावीर जी सर,
नववर्ष और नए ब्लोग के लिये शुभकामनाये ।
मनोशी चैटर्जी के मधुर स्वर में माँ सरस्वती की अराधना सुन कर आनन्द आगया ।
और प्राण शर्मा सर जी की गज़ले तो बेमिसाल ही हैं ।
रोज इतना ही काफ़ी है तेरे लिए
मुस्करा पल दो पल इस नए साल मे
वाह ... दाद कबूल करें ।
क्या बात है सर ! अहा !
छेड़ ऐसी ग़ज़ल इस नए साल में- प्राण शर्मा साहब की ग़ज़ल से आग़ाज़ ही कितना पुरसुकून है.
"ये संसार नश्वर ज़रूर है, पर नष्ट होता नहीं। यही बीता वर्ष भी है और नव वर्ष भी यही.
न बदला है, न बदलेगा.
इसलिए वर्तमान को ही गत और नवागत मानते हुए प्रसन्नचित्त जीवन जिए जाइए ....
नव-वर्ष पर्व पर ढेर सारी बधाइयों सहित"
---समीर "लाल" और "बवाल"
http://udantashtari.blogspot.com/
http://lal-n-bavaal.blogspot.com/
महावीर जी, नववर्ष की आपको एवं आपके समस्त परिवार को मेरी ओर से हार्दिक शुभकामनाऎ़
ईश्वर से कामना करता हूं कि मां सरस्वती की आप पर इसी प्रकार अनुकम्पा बनी रहे.
पहने सपनों की विजय माल
हो बहुत मुबारक नया साल
नए साल की नई किरन
सब गान मधुर पावन सुमिरन
सब नृत्य सजे सुर और ताल
हो बहुत मुबारक नया साल
फिर से उम्मीद के नए रंग
भर लाएँ मन में नित उमंग
खुशियाँ ही खुशियाँ बेमिसाल
हो बहुत मुबारक नया साल
उपहार पुष्प मादक गुलाब
मीठी सुगंध उत्सव शबाब
शुभ गीत नृत्य और मधुर ताल
हो बहुत मुबारक नया साल
महावीर जी, नववर्ष की आपको एवं आपके समस्त परिवार को मेरी ओर से हार्दिक शुभकामनाऎ़
ईश्वर से कामना करता हूं कि मां सरस्वती की आप पर इसी प्रकार अनुकम्पा बनी रहे.
पहने सपनों की विजय माल
हो बहुत मुबारक नया साल
नए साल की नई किरन
सब गान मधुर पावन सुमिरन
सब नृत्य सजे सुर और ताल
हो बहुत मुबारक नया साल
फिर से उम्मीद के नए रंग
भर लाएँ मन में नित उमंग
खुशियाँ ही खुशियाँ बेमिसाल
हो बहुत मुबारक नया साल
उपहार पुष्प मादक गुलाब
मीठी सुगंध उत्सव शबाब
शुभ गीत नृत्य और मधुर ताल
हो बहुत मुबारक नया साल
मनोशी जी की आवाज का जादू...नये साल की शुरूआत...प्राण साब की शानदार गज़ल अओर आपके इस नये ब्लौग का ये सुंदर गेट-अप-सब आगाज हैं एक अच्छे समय,एक बेहतर साल का आगे
आपके लिये समस्त शुभकामनाओं सहित,आपका गौतम
आदरणीय शर्मा साहिब
नये वर्ष पर नये ब्लॉग में नई ग़ज़ल देख कर बहुत ही अच्छा लगा.
गिर न पाए कभी है यही आरज़ू
हसरतों का महल इस नए साल में .
आमीन
!
यह तो आपका स्नेहिल व्यक्तित्व है,आपका प्यार है, स्नेह भरा आशीर्वाद है कि हम आपकी ओर खिंचे चले आते हैं.
नये वर्ष में आप सृजन के नये कीर्तिमान स्थापित करें, नई रचनात्मक ऊँचाइयों पर बने रहें.
अपने पिता जी (श्री मनोहर शर्मा "साग़र" पालमपुरी)के शब्दों में कहूं तो :
न हो कोई चिंता,न जंजाल हो
बुलन्द आपका और इक़बाल हो
मेरे हमदमो ! ऐ मेरे दोस्तो!
मुबारक तुम्हें यह नया साल हो.
आपके लिए तथा इस ब्लॉग के माध्यम से तमाम मित्रों के लिए
इन्हीं मंगल कामनाओं सहित
सादर
द्विज
Namskaar mahavir sir
aapko bhi navvarsh ki bhaut si subhkamanye. umeed hai aapki chtra chhya mein hum sabhi sahitya ki aur agrsar rahe aur ise prachaar kar saken
Pran ji ki gazal mein maangi hui har dua kabool ho yahi meri bhi parthna hai
शुक्रिया महावीर जी, प्राण शर्मा जी की इतनी सुंदर गज़ल को हमें पढ़वाने का। इसे मैंने अनुभूति पर भी देखी थी और तभी बहुत अच्छी लगी थी। आपका ये ब्लाग फले फूले और आप इसी तरह हम सीखने वालों का मार्गदर्शन करते रहें, इन्हीं शुभकामनाओं के साथ-
मानोशी
महावीर शर्मा साहिब,
आदाब
मोहतरमा मनोशी चैटर्जी साहिबा की खुबसूरत रूहानी आवाज़
में नए साल का आगाज़ सोने पर सुहागे का काम कर गया
दिलकश क्लेबर देखते बनता है नया जालधर. उस पर श्री प्राण साहिब
की रवानी से भरपूर ग़ज़ल सब कुछ सुहाने पन का एहसास दिलाता है
मेरी दुआ है के नया साल सभ रचनाकारों की झोली खुशीओं से भर दे
इन दियों को हवाओं में रखना. हमें अपनी दुआओं में रखना
चाँद शुक्ला हदियाबादी
डेनमार्क
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