बागों में बादे-सबा ऎसी चली
जन्म-दिन पर हर कली खिलने लगी
ख़ुद ब ख़ुद जलने लगी ये बत्तियां
प्राण जी ने जब ग़ज़ल ऐसी कही
केक पर है हर नज़र ललचाई सी
पेट में कुछ हो रही है खलबली
प्राण जी को हर ख़ुशी मिलती रहे
ये दुआ करते हैं हम मिलकर सभी
महावीर शर्मा
विजय कुमार सपत्ति जी को प्राण शर्मा जी के जन्म-दिवस का पता चला तो आनंद विभोर हो गए। कुछ ही क्षणों में अपने उद्गार, सद्भावनाएं एक रचना के शब्दों में ढाल कर आदरणीय प्राण जी के लिए गुरु दक्षिणा के रूप में चरण-स्पर्श सहित प्रेषित है।
जन्मदिन
आज कुल जहान की खुशियाँ सिर्फ आपको मिले
आज आपको सारी दुनिया की बहुत सी दुआ मिले
यही प्रार्थना है प्रभु से की आपको लम्बी उम्र मिले
आपके जन्मदिन से हर बरस आपको सुख मिले !!!
जीवन की राहो में आपके ,सदा फूल खिले मिले
बीते बरसो के अनुभव से आपको सिर्फ प्यार मिले
कायनात से भी झुककर आपको बहुत से सलाम मिले
आपके जन्मदिन से हर बरस आपको सुख मिले !!!
साहित्य जगत को सदा आपका मार्गदर्शन मिले
हम जैसे बन्दों को सदा आपका आर्शीवाद मिले
आपकी नयी गज़लों का स्वाद हमेशा चखने को मिले
आपके जन्मदिन से हर बरस आपको सुख मिले !!!
हमें नाज़ है आप पर , कि आप हमें इस रूप में मिले
उस प्रभु के शुक्रगुजार है की आपके आर्शीवाद हमें मिले
आपके चरणस्पर्श के साथ मेरी ये छोटी सी भेंट आपको मिले
आपके जन्मदिन से हर बरस आपको सुख मिले !!!
विजय कुमार सपत्ति
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(विजय जी कहते हैं कि उन्हें बच्चों में हमेशा ही भगवान दिखाई देते हैं)
विजय जी के दोनों प्यारे प्यारे बच्चे: मधुरिमा (हनी) और तुषार (वासु)।
"महावीर" ब्लॉग-टीम की ओर से बिटिया मधुरिमा और बेटे तुषार को ढेर सारा प्यार!
"बिटिया"
हनी , तुझे मैंने पल पल बढ़ते देखा है !
पर तू आज भी मेरी छोटी सी बिटिया है !!
आज तू बारह बरस की है ;
लेकिन वो छोटी सी मेरी लड़की ....
मुझे अब भी याद है !!!
वही जो मेरे कंधो पर बैठकर ,
चाकलेट खरीदने ;
सड़क पार जाती थी !
वही ,जो मेरे बड़ी सी उंगली को ,
अपने छोटे से हाथ में लेकर ;
ठुमकती हुई स्कूल जाती थी !
और वो भी जो रातों को मेरे छाती पर ;
लेटकर मुझे टुकर टुकर देखती थी !
और वो भी ,
जो चुपके से गमलों की मिटटी खाती थी !
और वो भी जो माँ की मार खाकर ,
मेरे पास रोते हुए आती थी ;
शिकायत का पिटारा लेकर !
और तेरी छोटी छोटी पायल ;
छम छम करते हुए तेरे छोटे छोटे पैर !!!
और वो तेरी छोटी छोटी उंगुलियों में शक्कर के दाने !
और क्या क्या ......
तेरा सारा बचपन बस अभी है , अभी नही है !!!
आज तू बारह बरस की है ;
लेकिन वो छोटी सी मेरी लड़की ....
मुझे अब भी याद है !
वो सारी लोरियां ,मुझे याद है ,
जो मैंने तेरे लिए लिखी थी ;
और तुझे गा गा कर सुनाता था , सुलाता था !
और वो अक्सर घर के दरवाजे पर खड़े होकर ,
तेरे स्कूल से आने की राह देखना ;
मुझे अब भी याद आता है !
और वो तुझे देवताओ की तरह सजाना ,
कृष्ण के बाद मैंने सिर्फ़ तुझे सजाया है ;
और हमेशा तुझे बड़ी सुन्दर पाया है !
तुझे मैंने हमेशा चाँद समझा है ….
पूर्णिमा का चाँद !!!
आज तू बारह बरस की है ,
और ,वो छोटी सी मेरी लड़की ;
अब बड़ी हो रही है !
एक दिन विजय छोटी जी कि बड़ी हो जाएँगी ;
बाबुल का घर छोड़कर ,पिया के घर जाएँगी !!!
फिर मैं दरवाजे पर खड़ा हो कर ,
तेरी राह देखूंगा ;
तेरे बिना , मेरी होली कैसी , मेरी दिवाली कैसी !
तेरे बिना ; मेरा दशहरा कैसा ,मेरी ईद कैसी !
तू जब जाए ; तो एक वादा करती जाना ;
हर जनम मेरी बेटी बन कर मेरे घर आना ….
मेरी छोटी सी बिटिया ,
तू कल भी थी ,
आज भी है ,
कल भी रहेंगी ….
लेकिन तेरे बैगर मेरी ईद नही मनेगी ..
क्योंकि मेरे ईद का तू चाँद है !!!
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33 comments:
प्राण शर्मा जी को उनके जन्म-दिन पर ढेरों बधाईयाँ,
आप स्वस्थ-सुखे रहकर हमारा मार्गदर्शन करते रहें,यही हृदयकामना है।- सुशील कुमार
प्राण जी को उनके जन्म दिन पर बहुत बहुत बधाई उनके स्वास्थ्य व लम्बी आयू के लिये मंगल कामनायं
विजय सपाति जी के बच्चों को बहुत बहुत आशीर्वद शुभकामनाये़
मेरे पास प्राण जी का नंबर नहीं है अत: आदरणीय महावीर भाई साहब आपको ही एक कष्ट दे रहा हूं मेरा ये संदेश उनको सुना दें ' आदरणीय प्राण जी आप दीर्घायु हों और साहित्य की साधना करते रहें । यूं ही ग़ज़लें और गीत रचते रहें । आप जैसे लोगों की साहित्य के क्षेत्र को बहुत आवश्यकता है । नये लोगों को आपका मार्गदर्शन मिल रहा है । आपकी रचनाओं के प्रकाश में वे अपना मार्ग तलाश कर रहे हैं । जन्म दिन की शुभकामनाएं । केक और मिठाई दोनों ही चीजें बाकी रहीं कृपया उचित माध्यम से भिजवाने का कष्ट करें ।'
प्राण जी जैसे साहित्यकारों के दम पर ही आज सहित्य जिंदा है और नये लोग साहित्य से जुड़ रहे हैं । प्राण जी के अनुभव और उनकी रचना धर्मिता दोनों ही हिमालय के समान है । उनकी रचनाओं का मैं प्रारंभ से ही कायल रहा हूं । उनकी रचनाएं अचानक ही चौंका देती हैं । मेरे उस्ताद कहते थे कि जिस ग़ज़ल का एकाध शेर सुनने वाले को चौंका न दे वो ग़ज़ल किसी काम की नहीं होती। किन्तु प्राण जी की ग़जलों में तो कई कई शेर चौंका देते हैं । कभी अपनी विशिष्ट कहन के कारण्ा कभी काफिया और रदीफ के अनूठे प्रयोग के कारण तो कभी सीधी बात को अलग ढंग से कहने के कारण। उस पर जो बात सबसे जियाद: मुझे छू गई है वो है उनकी विनम्रता । अन्यथा तो होता ये है कि उस्ताद शायर होने का मतलब ये हो जाता है कि विनम्रता खत्म हो जाना । प्राण जी की ग़ज़लें पूरी की पूरी पाठशाला होती हैं जहां से हर बार कोई नया सबक सीखने को मिलता है । दो तरह की सुगंध होती हैं एक तो होती है तेज गंध जो कि तुरंत अपने होने का एहसास कराती है और दूसरी सौम्य गंध जो आत्मा तक उतर जाती है । प्राण जी की ग़ज़लें चंदन की वही गंध है जो आत्मा को छूती हैं ।
पुन: जन्म दिन की शुभकानाएं और मिठाई तथा केक की प्रतीक्षा में ।
आदरणीय प्राण साहेब को इश्वर सालों साल यूँ ही हँसता खेलता हमारे बीच रक्खे ये ही प्रार्थना है...उनकी रहनुमाई में ना जाने कितने लोगों ने ग़ज़ल की बारीकियां सीखीं हैं और सीख रहे हैं....मैं खुश नसीब हूँ की मुझे भी उनसे बहुत कुछ सीखने का मौका मिल रहा है...आज के इस आपाधापी वाले दौर में प्राण जी हमें जीवन की खूबसूरती से वाकिफ करवाते हैं...हसरत है की किसी दिन अपने हाथों उन्हें उनके जन्म दिन का केक खिलाऊँ ....इश्वर से उनकी लम्बी और स्वस्थ उम्र की कामना के साथ...
नीरज
आदरणीय प्राण शर्मा जी सादर प्रणाम.. हालाकि उनसे बात करने का सौभाग्य मुझे कल मिला था नेट के जरिये और कल ही मुझे उनके जन्मदिन के बारे में पता चाला था... इस मुक़द्दस मौके पे में तरफ से दिल से बहोत बहोत बधाईयाँ और शुभकामनाएं...प्राण शर्मा जी से कुछ बारीकियां ग़ज़ल लेखन में मैंने भी सीखी है और ये मेरा सौभाग्या है ... वो तो साक्षात् ग़ज़ल है ... उनके महवे का तो मैं अलग से फैन हूँ .... ऊपर वाला उन्हें लम्भी उम्र ,बेहतर स्वस्थ्य बक्शे ताकि वो साहित्य और ग़ज़ल की और सेवा करते रहे ... और नव सीखिए उनसे बेहतर सीखते रहे ...मिठाईयां और केक फिर कभी... फिर से बहोत बहोत बधाईयाँ...
अर्श
आदरणीय प्राण जी को जन्म दिन की बहुत बहुत बधाई, इश्वर उनको लम्बी आयु प्रदान करे, स्वस्थ ठीक रहे, ..उनकी अनुकम्पा से ना जाने कितने लोगों ने ग़ज़ल की बारीकियां सीख रहे हैं.... और उन का नाम रोशन कर रहे हैं..........आशा है ब्लॉग वासियों पर उनका स्नेह बना रहेगा ...........
आदरणीय प्राण जी को उनके जन्म दिन के शुभ अवसर पर, मेरे परिवार की ओर से बहुत बहुत बधाई, मेरी प्रार्थना है ईश्वर से की ; उन्हें लम्बी आयु प्रदान करे, उनकी health ठीक रहे ,परिवार में सब कुछ मंगलमय हो ...आदरणीय महावीर जी की छोटी किन्तु , प्यारी सी मीठी सी कविता ने मन मोह लिया ..
प्राण जी ,केक ओर मिठाई का इन्तजार रहेंगा ...
आप सबको मेरा प्रणाम ..
विजय
भारतीय दर्शन 'प्राण' को तत्व कहता है और वही मैं भी मानता हूँ। ग़ज़ल को आपने तत्वता प्रदान की हुई है, कौन नहीं जानता। आपने रचनाशीलता के माध्यम से 'वसुधैव कुटुंबकम्'को साकार कर दिया है। आप सदैव स्वस्थ रहें और हमारा मार्गदर्शन करते, हमें स्नेह देते रहें। इन्हीं शुभकामनाओं के साथ--आपको बहुत-बहुत बधाई।
आदरणीय प्राण साहब को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएँ !!!!!
प्राण जी को जन्म दिन पर बहुत बहुत बधाई,ओर अच्छॆ स्वास्थ्य वा लम्बी आयु के लिये शुभकामनाऎं
धन्यवाद
aadarniya pran ji ko hardik badhyai.mujhe abhi vijay ji ne bataya ........vijay ji bahut hi bhavuk insaan hain aur unki rachnayein bhi unke jaisi hain.
प्राण जी को जन्म दिन की अनेकानेक शुभकामनाएं और ढ़ेरों बधाइयाँ !
प्राण जी को हर ख़ुशी मिलती रहे
ये दुआ करते हैं हम मिलकर सभी
वीनस केसरी
बहुत बहुत बधाई।
प्राण बिन निष्प्राण सी लगती गजल.
प्राण पा सम्प्राण हो सजती गजल.
बहर में कह रहे बातें अनकही-
अलंकारों से सजी रुचती गजल.
गुजारिश है दिन-ब-दिन रहिये जवां
और कहिये रोज ही महती गजल.
जन्मदिन की शत बधाई लीजिये.
दीजिये बिन कुछ कहे कहती गजल.
'सलिल' शैदा आपके फन पर हुआ-
नर्मदा की लहर सी बहती गजल.
आचार्य संजीव 'सलिल'
सर जी ,
मेरी तरफ से आप को जन्म दिन के अवसर पर बहुत-बहुत शुभकामनाएं .
आदरणीय महावीर जी तथा भाई विजय जी की सुँदर रचनाओँ के साथ
हम भी शामिल हैँ
आदरणीय प्राण भाई साहब की
साल गिरह का जश्न मनाने मेँ :)
और ईश्वर से स्वस्थ व सुखी दीर्घायु जीवन की प्रार्थना भी कर रहे हैँ ...
यूँ ही वे लिखते रहेँ
और गज़लोँ की सुगँध
बिखरते रहेँ
आमीन !
सादर - स -स्नेह,
- लावण्या
आदरणीय महावीर शर्मा जी ,
आदरणीय प्राण जी के शुभ
जन्म दिवस पर
आपने बहुत ही सुन्दर रचनाएँ
प्रस्तुत की हैं
पता नहीं कैसे
मेरी टिप्पणी अधूरी छपी है.
अत:
फिर से
पोस्ट कर रहा हूँ
.
भाई
पंकज सुबीर जी ने भी बहुत ही सुन्दर शब्दों में प्राण जी एवं उनके रचनाकार को
रेखांकित किया है.
और आपने भी बिल्कुल सही फ़रमाया है:
ख़ुद ब ख़ुद जलने लगी ये बत्तियां
प्राण जी ने जब ग़ज़ल ऐसी कही
प्राण जी को उनके जन्म दिन पर बहुत-बहुत बधाई.
प्राण जी को हर ख़ुशी मिलती रहे
ये दुआ करते हैं हम मिलकर सभी
प्राण जी की ग़ज़लों का झरना यूँ ही बहता रहे,
उनका जीवन किसी खुशहाल बाग सा हरा रहे।
मुश्किलों से जब भी दो चार होना पड़े उन्हें,
ऐसी घड़ी में ढाल बनके साथ हमारी दुआ रहे।
आदरणीय प्राण जी को जन्म दिन की बधाई!
श्री के.बी.एल. एवं श्रीमती उषा राजे सक्सेना (ई मेल द्वारा)
तुम जियो हजारों साल और हर साल के दिन हों पचास हज़ार
के .बी. एल. और उषा राजे सक्सेना
सिडनी, ऑस्ट्रेलिया
आदरणीय प्राण शर्मा जी को
उनके जनम दिन के पावन अवसर पर
बहुत बहुत शुभकामनाएं ..........
---मुफलिस---
भाई साहब,
आप से फ़ोन पर बात हो गई है, और जन्म दिन की बधाई फिर से.विजय जी की कविताएँ आज ही पढ़ीं हैं. बहुत खूब बधाई!
आदरणीय प्राण जी को जन्म दिन की बहुत बहुत बधाई एवं अनेकानेक शुभकामनाऐं. इश्वर उन्हें दीर्घायु करे और वो हम सब को यूँ ही मार्गदर्शन देते रहें, यही कामना है.
Many happy returns of the day
sasneh
With all good wishes,
Divya Mathur
पुष्पा भार्गव ने प्राण शर्मा जी के जन्म दिन पर
ई मेल द्वारा यह कविता भेजी है.
जीवन पथ पर:
चलता जा राही
पथ में सम्हल के
पग पग बढ़े जा
हिम्मत के बल पे
मंज़िल खड़ी है
अब पास तेरे
न देख रुक कर
यह किस्मत के फेरे
कितनी वः चोटें
कितने झमेले
जीवन की राहों में
है टू ने झेले
अड़चन की आंधी
भय के बवंडर
किए पर तूने
दुःख के समुन्दर
सत्पथ की तूने
सदा आश बांधी
हिला न सकी उसको
संकट की आंधी
चले जा कर्मठ,
निडर, स्वाभिमानी
चलती रहे सदा
यह कहानी.
...पुष्पा भार्गव
विलंब से आ रहा हूँ..और इस पावन मौके पर अनुपस्थित रहा कि नुकसान मेरा ही है।
प्राण साब को देर से ही सही, उनके जन्म-दिवस पर ढ़ेरों बधाईयां और समस्त शुभकामनायें!!! ईश्वर उनको खूब लंबी उम्र दे और उनकी विद्वता की रौशनी यूं ही जगमगाती रहे हिंदी-साहित्य के दुनिया को!
आदरणीय प्राण जी को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं। हम जैसे नौसिखुओं के लिये उनकी गज़लें प्रेरणास्रोत की तरह हैं। परमात्मा उन्हे चिरायु करे।
Dada Pran g ko anant shubhkamnaen or aapki us shaandar prastuti ko naman....
लोगों का जन्मदिन एक दिन में ही ख़त्म हो जाता है लेकिन यहाँ तो लगता है कि प्राण जी का जन्मदिन नहीं जन्म-सप्ताह मनाया जा रहा है. अभी भी उनके फैन की शुभकामनाएं जारी हैं.
प्राण शर्मा जी को दीर्घायु मिले और उनका दामन हर वक़्त खुशियों से भरा रहे.
प्राण जी सहित 'महावीर' की तरफ से आप सभी शुभकामनाएं भेजने वालों के लिए अनेकानेक धन्यवाद.
आदरणीय प्राण जी, भले ही बहुत देर से ही सही, पर हमारी भी बधाई तो आपको लेनी ही पड़ेगी। मुआफ़ कीजिएगा, पिछले दो माह से रेगुलर ना हो पाया था।
JANAM DIN ke shubh awsar par meri aur merey pariwar ki owr se SHUBH KAMNAYEIN.
Dr. Shareef
Karachi
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