आज भारतीय गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं देते हुए आपके लिए लन्दन से आदरणीया पुष्पा भार्गव जी की मौके और माहौल वाली एक प्रेरक रचना लेकर आया हूँ.. पढ़िएगा और सराहियेगा
गणतंत्र दिवस ... प्रस्ताव
गम भुला
खुशियाँ लुटा
मुस्कुरा के चल
अँधेरी रात मेँ
डट के हौसला जुटा
रोड़ों को पथ से हटा
एक नई उमंग उठेगी
ज़िंदगी की चाह मेँ
सिर उठा
साहस दिखा
कठिनाइयोँ को ले के
अपने हाथ मेँ
खोज कर नई डगर
आगे बढ़ बन कर निडर
हँस के यह दुनिया सदा
चलेगी तेरे साथ मेँ
पुष्पा भार्गव
यू के
प्रस्तोता- दीपक मशाल
8 comments:
उम्दा रचना ………… सभी को गणतन्त्र दिवस पर हार्दिक बधाई
बहुत सुन्दर रचना.
SUNDAR KAVITA KE LIYE PUSHPA JI KO
BADHAAEE AUR SHUBH KAMNA .
मुस्कराहट बाटने से बढ़ चलेगी..
बहुत अच्छी रचना बधाई
साहस का संचार करती हुई ओजपूर्ण कविता |
सुधा भार्गव
अत्यंत सुंदर कृति!
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